अमेरिका में शटडाउन से 33 लाख कर्मियों को वेतन संकट
बाइडेन के पास फंडिंग प्लानिंग के लिए 30 सितंबर तक का वक्त
वाशिंगटन। दुनिया के सबसे ताकतवर देशों में से शुमार अमेरिकी की अर्थव्यस्था डगमगा रही है। अमेरिका में शटडाउन का खतरा भी बढ़ रहा है। दरअसल सत्ता पक्ष यानी जो बाइडेन प्रशासन को विपक्ष से सहमति बनाकर फंडिंग प्लान को पास कराना होगा, लेकिन गतिरोध बना हुआ है। इन सबके बीच संघीय वित्त वर्ष 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है। इसका अर्थ यह है कि अगर दोनों पक्षों में सहमति नहीं बनी तो आगे का रास्ता जटिल होगा। 30 सितंबर से पहले सत्ता और विपक्ष में सहमति बनना आवश्यक है। ऐसा नहीं होने पर 1 अक्टूबर से शटडाउन हो जाएगा और उसका असर 33 लाख कर्मचारियों के वेतन पर पड़ेगा और उन्हें वेतन मिलने में दिक्कत होगी। अमेरिकी सरकार को कर्ज लेने चाहिए विपक्ष की मंजूरी : अमेरिकी सरकार को आवश्यक योजनाओं को जारी रखने के लिए पैसों की जरूरत होती है और उसके लिए कर्ज लेना होता है। कर्ज लेने का मतलब अमेरिकी संसद से मंजूरी, लेकिन यह तभी संभव हो सकेगा, जब रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स दोनों में सहमति बने। अगर तय सीमा में सहमति बन जाती है तो कोई परेशानी नहीं। लेकिन ऐसा ना होने की सूरत में शटडाउन का खतरा। अगर मौजूदा राजनीति को देखें तो सत्ता पक्ष और विपक्ष में तनातनी बरकरार है। रिपब्लिकन सांसदों को कुछ स्कीम्स पर ऐतराज है, जिसे डेमोके्रट्स जरूरी बता रहे हैं।
यह होगा असर
- अमेरिका में जो योजनाएं चल रही हैं, उन पर ब्रेक लग जाएगा।
- आम लोगों को जरूरी चीजों के लिए परेशानी उठानी पड़ेगी।
- करीब 33 लाख कर्मचारियों पर असर होगा। इन कर्मचारियों में 20 लाख सरकारी कर्मचारी और 13 लाख डिफेंस से जुड़े लोग हैं।
- शटडाउन की स्थिति में नई योजनाओं पर बाइडेन प्रशासन काम नहीं कर पाएगा।
- अमेरिका जैसी अर्थव्यवस्था में शटडाउन होने का असर दुनिया के कई देशों में भी देखने को मिल सकता है।
अमेरिका पर है 33 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज
अमेरिकी बैंक आर्थिक संकट से परेशान हैं। इसके चलते अमेरिका पर कुल 33 ट्रिलियन डॉलर का कर्ज है। अगर शटडाउन की स्थिति बनती है तो हालात और गंभीर हो जाएंगे। हालात ये है कि कर्ज की मात्रा जीडीपी से अधिक है। अगर कर्ज की प्रवृत्ति पर लगाम नहीं लगाई गई तो हालात और खराब हो जाएंगे।
देश में चल रहीं गैरजरूरी योजनाएं : रिपब्लिकंस
आर्थिक संकट के बीच विपक्ष रिपब्लिकंस का कहना है कि सरकार पर कर्ज बहुत ज्यादा है और ये देश की जीडीपी से भी ज्यादा निकल चुका है। इतने कर्ज के साथ इकोनॉमी आगे बढ़ने से आने वाले समय में अर्थव्यवस्था के लिए खतरा होता है। विपक्ष का कहना है कि कई ऐसी जनकल्याणकारी योजनाएं, जो गैर जरूरी हैं। उन्हें रोकना चाहिए और खर्च में कटौती करनी चाहिए। इन्ही मांगों के साथ विपक्ष अपनी मांगों पर अड़ा हुआ है और अगर समझौता नहीं होता है तो फिर अमेरिका में शटडाउन हो सकता है।