देरी से पहुंचे अधिकारियों का काटा वेतन
इंदौर। नवागत कलेक्टर आशीष सिंह ने मंगलवार को पहली बार जनसुनवाई की। इसमें विलंब से पहुंचे तीन अधिकारियों का एक दिन का वेतन काटने तथा शिकायतों का जल्द निराकरण करने के आदेश दिए। इस दौरान तीन दिव्यांगों को स्कूटी, कान की मशीन और बच्चे को सीपी चेयर वितरित की। पूर्व कलेक्टर इलैया राजा की तर्ज पर कलेक्टर नीचे तल मंजिल पर दिव्यांगों से मिले और समस्याओं को सुनकर उनका हाथोंहाथ निराकरण भी किया। उन्होंने तीन दिव्यांगों सुरेंद्र सिंह, तारा बाथम तथा विनोद चौधरी को स्कूटी, बालक शिव पिता अखिलेश निवासी बाणगंगा को सीपी चेयर तथा 76 वर्षीय ओमप्रकाश सिंह राठौड़ को डिजिटल कान की मशीन प्रदान की। जबकि, जरूरतमंदों को रेडक्रॉस से एक लाख 44 हजार की आर्थिक सहायता दी।
यह भी दी स्वीकृति-एसडी बंसल कॉलेज की छात्रा खुशबू साहू को कॉलेज फीस के लिए 53 हजार, वृद्ध महिला कमला पंचोली को सिलाई मशीन के लिए 10 हजार, चिकित्सा के लिए हुकुमचंद गुप्ता एवं प्रकाश उपाध्याय को 10-10 हजार की मदद प्रदान की।
सुपर स्पेशलिटी में होगा इलाज-जनसुनवाई में आई वृद्धा ने बताय कि उनके 17 वर्षीय पोते मयंक यादव के दिल में छेद है जिसके इलाज के लिए वह भटक रही है। कलेक्टर ने स्वास्थ्य अधिकारी को उक्त बालक का इलाज सुपर स्पेशलिटी में कराने, महिला रोशनी साहू का बीपीएल कार्ड बनवाने के आदेश दिए। वहीं भरण पोषण, अवैध कब्जे आदि पर भी कलेक्टर ने सुनवाई की।
इनका कटा वेतन
जनसुनवाई में कलेक्टर ने जिला शिक्षा अधिकारी मंगलेश व्यास, सीएमएचओ डॉ. बीएस सैत्या, सहायक श्रमायुक्त मेघना भट्ट का एक दिन का वेतन रोकने का आदेश दिया। गौरतलब है कि जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा हाल ही में एक स्कूल में देरी से पहुंचने वाले 25 शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। शायद वे भूल गए कि नियम सभी के लिए समान होते हैं, जिसके चलते वह जनसुनवाई में देरी से पहुंचे।