ट्रायल रन के पहले होगा सेफ्टी ट्रायल पहले चरण में सिर्फ 17.5 किमी दौडेगी

ट्रायल रन के पहले होगा सेफ्टी ट्रायल पहले चरण में सिर्फ 17.5 किमी दौडेगी

इंदौर। मेट्रो ट्रेन के तीन कोच पटरी पर रखे जाने के बाद अब ट्रेन संचालन को लेकर कंपनी और शासन ने काम को गति देना शुरू कर दिया है। ट्रायल रन के पहले सेफ्टी ट्रायल लिया जाएगा। ट्रायल रन वाले क्षेत्र के आगे स्टेशन, स्टॉपेज, सेगमेंट तैयार करने और पटरी बिछाने का काम होगा। प्रथम चरण में ट्रेन केवल 17.5 किलोमीटर में चलेगी यानी सुपर कॉरडोर से विजयनगर चौराहा तक यात्रियों को सफर करा सकेगी। इसके आगे का काम द्वितीय चरण में इस साल के अंत तक पूरा किया जाना प्रस्तावित है। गुजरात की कंपनी एल्सटाम द्वारा ट्रेन के सेट अप्रैल माह में इंदौर पहुंचा दिए जाएंगे यानी अप्रैल माह के अंतिम दिनों में शहर के 30 लाख लोगों को ट्रेन के सफर का लाभ मिल सकती है। कंपनी द्वारा यह सेट साढ़े चौदह माह में तैयार किया गया है। कंपनी ने 15 वर्ष के रखरखाव के साथ ही 3-कार कॉन्फिगरेशन वाले 52 स्टैंडर्ड गेज मोविया मेट्रो यात्री ट्रेन सेट्स के डिजाइन, निर्माण, आपूर्ति, इंस्टॉलेशन, परीक्षण और कमीशनिंग का जिम्मा उठाया है। ट्रेन के कोचों का निर्माण 3200 करोड़ में किया गया है।

आधुनिक के साथ कम वजनी है- यह ट्रेन अत्याधुनिक तकनीक से परिपूर्ण है और बेहद कम वजनी है। इंदौर में 29 स्टेशन वाली 31.5 किमी लाइन पर 80 किमी/घंटा की रफ्तार से दौड़ेगी।

अगले सप्ताह करेंगे निरीक्षण

कोच को पटरी पर आने के बाद अब सुपर कॉरिडोर पर मुख्य स्टेशन का काम जल्द पूरा करने की तैयारी हो गई है। मुख्य स्टेशन पर टिकट खिड़की, प्लेटफॉर्म व अन्य सुविधाओं का काम भी किया जा रहा है। सूत्रों की मानें तो दीपावली के बाद स्टेशन का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद शेष बचे स्टेशनों का काम किया जाएगा।

यहां आएगी परेशानी

कॉरिडोर का अंतिम सिरा लवकुश चौराहा पर खत्म हो रहा है। चौराहा से आगे ट्रेन के सेगमेंट और अन्य काम तेजी से चल रहे हैं। यहां इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा सिक्स लेन फ्लायओवर ब्रिज का काम कराया जा रहा है। इसके चलते मेट्रो का काम शुरू नहीं हो सका। यहां काम शुरू करने पर ट्रैफिक को परिवर्तित करना चुनौतीपूर्ण रहेगा।