पंचामृत की सहस्रधारा से रुद्राभिषेक
इंदौर। सावन सोमवार के अवसर पर शहर भोले की भक्ति में रमता जा रहा है। सोमवार को बाबा का स्वस्थ और समृद्ध इंदौर की कामना के साथ पंचामृत की सहस्त्रधारा से महारुद्राभिषेक किया गया। सावन मास में अलग-अलग मंदिरों में पांच लाख रुद्राक्ष का वितरण किया जा रहा है। इस दौरान नवलखा स्थित मनकामेश्वर मंदिर पर भोले का आकर्षक श्रृंगार किया गया।
महावर नगर स्थित शिवशक्ति धाम में तीसरे सावन सोमवार पर समाजसेवी विनीता सुरेंद्र पाठक द्वारा आयोजित कार्यक्रम में भोलेनाथ के हजारों पार्थिव शिवलिंग बनाकर महारुद्राभिषेक किया गया। वहीं 5 लाख रुद्राक्ष वितरण जारी है। इसी के तहत सोमवार को भी हजारों भक्तों को अभिमंत्रित रुद्राक्ष का वितरण किया गया। आयोजन में समाजसेवी एडवोकेट विनीता सुरेंद्र पाठक सहित सैकड़ों भक्तों ने बाबा भोलेनाथ के पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया। इसके बाद इन पार्थिव शिवंिलग का रुद्राभिषेक वेद मंत्रों के बीच आचार्य पंडितों की उपस्थिति में किया गया। भगवान भोलेनाथ का फूलों से शृंगार किया गया और महाआरती हुई। इस अवसर पर महाप्रसादी का वितरण भी किया गया।
स्थावर शिवलिंग- सदाशिव शंकर का ध्यान करके रोपे गए या सिंचित किए गए वृक्ष, लता आदि को स्थावर शिवलिंग कहा जाता है। इन स्थावर शिवलिंग (वृक्ष, लता) आदि को जल, खाद आदि द्वारा संतुष्ट करने का विधान है। इनका प्रेमपूर्वक रोपण करना भगवान सदाशिव की स्थापना करने के ही सामान है।
संस्था के अध्यक्ष अनुराग सचदेव ने बताया कि वीणा नगर में स्थित मनकामेश्वर शिव मंदिर में सैकड़ों महिलाओं ने हजारों बीज वाले पार्थिव शिवलिंग बनाए। साथ ही युवाओं का भी पर्यावरण संरक्षण और महादेव की आराधना की इस नई शुरुआत में अच्छा उत्साह देखने को मिला। जीवित शिवलिंग का यह आयोजन मानवता की पहचान संस्था और सुरजीतसिंह वालिया द्वारा किया गया।