प्रदूषण पर SC सख्त कहा- सब्र खत्म हो रहा है, हमारा बुल्डोजर चला तो रुकेगा नहीं
पंजाब, हरियाणा, उप्र, राजस्थान को पराली जलाने पर तुरंत रोक के निर्देश
नई दिल्ली। दिल्ली एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर में बढ़ोतरी के बीच सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को पराली (फसल अवशेष) जलाने पर तत्काल रोक सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने कहा कि दिल्ली साल-दर-साल इस स्थिति से नहीं जूझ सकती। कोर्ट ने पंजाब, हरियाणा, यूपी और राजस्थान सरकारों को आदेश दिया कि पराली जलाना तुरंत बंद किया जाए। प्रदूषण को देखते हुए हमारा सब्र खत्म हो रहा है, अगर हमने एक्शन लिया तो हमारा बुलडोजर रुकेगा नहीं। पीठ ने पंजाब सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील से कहा, हर बार राजनीतिक लड़ाई नहीं हो सकती। अदालत ने दिल्ली सरकार को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि नगर निगम का ठोस कचरा खुले में ना जलाया जाए।
पीएम 2.5 डब्ल्यूएचओ की लिमिट से 40 गुना:
पांच दिनों तक गंभीर वायु गुणवत्ता के बाद मंगलवार को सुबह दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में रहा। पीएम 2.5 का कंसंट्रेशन डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित 15 माइक्रोग्राम/ घन मीटर की सीमा से करीब 40 गुना अधिक है।
बेरियम वाले पटाखों पर प्रतिबंध दिल्ली-एनसीआर तक सीमित नहीं, बल्कि प्रत्येक राज्य के लिए : सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि बेरियम वाले पटाखों को प्रतिबंधित करने संबंधी आदेश प्रत्येक राज्य के लिए है। यह केवल दिल्ली और एनसीआर तक सीमित नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने वायु और ध्वनि प्रदूषण से निपटने के लिए 2018 में पारंपरिक पटाखों पर प्रतिबंध लगाया था और अब उसकी ओर से जारी स्पष्टीकरण से देश भर में प्रभाव पड़ेगा। न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश की पीठ ने राजस्थान सरकार से दिवाली पर पटाखे चलाने के संबंध में उसके पूर्व के निर्देशों का पालन करने को कहा। पीठ ने कहा, आम आदमी को पटाखों से होने वाले नुकसान को लेकर संवेदनशील बनाना अहम है। आजकल बच्चे ज्यादा पटाखे नहीं चलाते, बल्कि वयस्क चलाते हैं। यह गलत अवधारणा है कि प्रदूषण अथवा पर्यावरण की सुरक्षा की जिम्मेदारी कोर्ट की है।