रिटायर्ड डॉक्टर ने शॉपिंग मॉल के चौथे माले से कूदकर दी जान
इंदौर। सोमवार की दोपहर बीआरटीएस स्थित सी-21 मॉल की चौथी मंजिल से कूदकर निजी हॉस्पिटल से रिटायर्ड हुए डॉक्टर ने अपनी जान दे दी। मामले की शुरुआती जांच में पुलिस को पता चला कि वे रीढ़ की हड्डी की बीमारी के चलते परेशान थे और इसका उपचार कराने के लिए मुंबई जाने वाले थे। मृतक की पहचान चोइथराम अस्पताल के सेवानिवृत्त डॉक्टर मनमोहन पिता संतराम सोनी (70) निवासी आदित्य नगर भंवरकुआ के रूप में सामने आई है। पता चला है कि वे सोमवार दोपहर करीब 12 बजे ड्राइवर को साथ लेकर सी-21 माल में खरीदी के लिए पहुंचे थे। उन्होंने ड्राइवर से कहा कि मैं मॉल में घूमकर आता हूं। इसके बाद वे मॉल के अंदर चले गए।
ड्राइवर बाहर ही खड़ा रहा
डॉ. सोनी ड्राइवर को कार में ही छोड़कर मॉल में पहुंचे थे। वह करीब तीन घंटे तक डॉक्टर का इंतजार करता रहा। काफी देर इंतजार के बाद उसने डॉक्टर को फोन लगाया तो कोई रिस्पांस नहीं मिला। उसके बाद वह डॉक्टर की तलाश में मॉल में पहुंचा। वहां उन्हें पता चला कि उन्होंने चौथी मंजिल से छलांग लगाई थी और उन्हें अस्पताल ले जाया गया है। वह तत्काल अस्पताल पहुंचा और वहां उसे जानकारी मिली कि डाक्टर की मौत हो चुकी है।
पुलिस ने शुरू की जांच
पुलिस का कहना है कि उनकी बेटी को उनके निधन की सूचना दे दी गई है। वह मुंबई से रवाना हो चुकी है। प्रथम दृष्टया माना है कि वे बीमारी से परेशान थे और इसी वजह से उन्होंने आत्महत्या की है। हालांकि पुलिस का यह भी कहना है कि परिजनों के बयान और जांच के बाद ही आत्महत्या के कारणों का खुलासा हो सकेगा।
सिर के बल गिरे और फिर नहीं उठे
बताया जा रहा है कि वे काफी देर तक मॉल में घूमते रहे और बाद में चौथी मंजिल पर पहुंचकर वहां से लटक गए। ये देखते हुए वहां हड़कंप मच गया। मॉल के सुरक्षाकर्मियों और अन्य स्टाफ ने उन्हें रोकने की कोशिश की और वे चिल्लाए कि कूदना मत, लेकिन डॉक्टर सोनी ने किसी की बात नहीं सुनी और वे चौथी मंजिल से कूद गए। वे सिर के बल नीचे गिरे और बेसुध हो गए। लहूलुहान डाक्टर को तत्काल निजी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
बेटी के पास मुंबई जाने वाले थे
सूचना के बाद विजयनगर पुलिस ने मर्ग कायम कर मामले की जांच शुरू कर दी है। बताते हैं कि डॉक्टर सोनी रीढ़ की हड्डी की बीमारी से परेशान थे। वे इलाज के लिए गुरुवार को अपनी बेटी के पास मुंबई जाने वाले थे। उनकी बेटी मुंबई में है। डॉक्टर बीमारी के कारण लंबे समय से परेशान थे। काफी इलाज के बाद भी उन्हें फायदा नहीं हो रहा था, इसलिए वे बेहद परेशान थे।
चोइथराम अस्पताल के डॉ अमित भट्ट ने बताया कि डॉ सोनी 2020 में रिटायर्ड हुए थे, उन्होंने लगभग 30 साल अस्पताल में सेवाएँ दी थीं, फिट, मिलनसार और सेटल्ड व्यक्ति थे। 2020 के बाद ज्यादा संपर्क नहीं रहा ।