कलियासोत में नहीं बनेगी रिटेनिंग वॉल,भराव के लिए डाली मिट्टी भी अस्पताल प्रबंधन निकालेगा

कलियासोत में नहीं बनेगी रिटेनिंग वॉल,भराव के लिए डाली मिट्टी भी अस्पताल प्रबंधन निकालेगा

भोपाल। कलियासोत नदी में जेके अस्पताल प्रबंधन द्वारा अनाधिकृत रूप से बनाई जा रही रिटेनिंग वॉल और मिट्टी के भराव को देखने कलेक्टर आशीष सिंह गुरुवार सुबह मौके पर पहुंचे। उन्होंने इसको गंभीरता से लेते हुए रिटेनिंग वॉल तोड़ने और भूमि का भराव हटाने के निर्देश दिए। अस्पताल प्रबंधन और जीबी कंस्ट्रक्शन कंपनी को यह दीवार सात दिन में अपने खर्च पर तोड़नी होगी। इधर कंपनी को अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया है। इस मामले में कंपनी के संचालक पर एफआईआर दर्ज की जा सकती है। साथ ही विवादित एनओसी के मामले में पीडब्ल्यूडी उपसंभाग क्रमांक-9 के तत्कालीन अनुविभागीय अधिकारी पर कार्रवाई करने के लिए विभाग के पीएस को पत्र लिखा गया है। पीपुल्स समाचार ने ‘कलियासोत नदी के अस्तित्व पर खतरा, मिट्टी डालकर पाटी जा रही है नदी, रिटेनिंग वॉल भी बनाई जा रही’ शीर्षक से 27 अप्रैल के अंक में खबर प्रकाशित की थी। कलेक्टर आशीष सिंह ने इस खबर को संज्ञान में लिया। इस मामले में उनके पास व्यक्तिगत रूप से भी कई शिकायतें पहुंची थीं। गुरुवार को कोलार सिक्स लेन का दौरा करने के बाद सहस्त्रबाहु पुल और कलियासोत नदी पर जेके अस्पताल प्रबंधन द्वारा बनाई जा रही रिटेनिंग वॉल और मिट्टी के भराव को देखा। उन्होंने एसडीएम कोलार क्षितिज शर्मा और संबंधित विभागों के अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी है। कलेक्टर के निर्देश के बाद जल संसाधन विभाग के कार्यपालन यंत्री नितिन कुईकर से मामले की रिपोर्ट सौंप दी है।

यह है मामला

एलएनसीटी ग्रुप के जेके अस्पताल ने आशंका जताई थी कि कलियासोत नदी के बहाव से भूमि कटाव बढ़ता जा रहा है। इससे अस्पताल की बिल्डिंग को खतरा है। अस्पताल प्रबंधन द्वारा पिछले 15 दिन से कलियासोत नदी के किनारे बनाई जा रही रिटेनिंग वॉल के लिए नदी को मिट्टी डालकर पाटा जा रहा था। जहां नदी पाटी जा रही थी, उस जगह तक जाने के लिए रास्ता जेके हॉस्पिटल के अंदर से ही दिया गया। रिटेनिंग वॉल भी जेके हॉस्पिटल से लगकर ही बनाई जा रही थी। प्रबंधन ने दावा किया था कि उसके पास सीपीए की अनुमति है। हालांकि विभागीय सूत्रों का कहना कि प्रबंधन जिस अनुमति की बात कर रहा है, वह सहस्त्रबाहु पुल की रिटेनिंग वॉल के मामले को लेकर है। हालांकि यह अनुमति भी ठेकेदार कंपनी के पास है। जबकि कंपनी सहस्रबाहु पुल की जगह अस्पताल के बाजू में रिटेनिंग वॉल बना रही थी।

सुनवाई के दौरान एनजीटी ने पीपुल्स समाचार की खबर पर लिया संज्ञान

कलियासोत नदी में अतिक्रमण, ग्रीन बेल्ट में अवैध निर्माण और नदी में प्रदूषण को लेकर पर्यावरणविद् सुभाष सी. पांडे की याचिका पर गुरुवार को एनजीटी में सुनवाई हुई। एनजीटी ने पीपुल्स समाचार की इस खबर पर संज्ञान लिया है। इधर, सुभाष सी. पांडे ने बताया कि सुनवाई के दौरान एक्सपर्ट ने पीपुल्स समाचार में प्रकाशित की गई खबर का जिक्र किया और अतिक्रमण पर चिंता जताई। सुनवाई से करीब 10 मिनट पहले मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कलियासोत नदी में प्रदूषण को लेकर अपनी रिपोर्ट सौंपी। शासन की ओर से सचिन वर्मा ने बताया कि कलियासोत नदी में रिटेनिंग वॉल सहित अन्य निर्माण कार्य को रोक दिया गया है। इस मामले में अगली सुनवाई 18 मई को होगी।