केंट में सड़कों की जर्जर हालत से रहवासी हलाकान,नहीं होती सुनवाई

केंट में सड़कों की जर्जर हालत से रहवासी हलाकान,नहीं होती सुनवाई

जबलपुर। केंट विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत छावनी क्षेत्र,आयुध निर्माणी फैक्ट्रियों का एरिया आता है। इसके अलावा सामान्य क्षेत्र है। यहां पर अभी भी कई इलाके ऐसे हैं जो विकास की दौड़ में काफी पीछे हैं,इतने कि यहां पर सड़कें तक मुहैया नहीं हैं। पेयजल की किल्लत वाले क्षेत्र भी हैं। यहां के विधायक अशोक रोहाणी हैं जो अपनी ओर से भरसक प्रयास करते हैं मगर सैन्य व निर्माणी इलाकों में वे अधिक दखल नहीं दे पाते हैं।

केंट के तहत आने वाले भटौली में,रेलवे लाइन के पास,छिवला गांव,तिलहरी रोड,गौर के पास,एकता चौक,गोराबाजार,धोबी घाट,भोंगाद्वार रोड में आवाजाही में दिक्कतें खत्म नहीं हो रही हैं। इसी तरह रांझी क्षेत्र में बड़ा पत्थर,मानेगांव आदि क्षेत्र में भी सड़कों की जरूरत है मगर नागरिकों के द्वारा बार-बार गुहार लगाने के बाद भी जिम्मेदार उनकी समस्या पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

छावनी क्षेत्र में केंट बोर्ड नहीं करवा रहा विकास

केंट बोर्ड के 8 वार्ड हैं यहां पर विकास कार्यों में कंजूसी बरती जाती है। वहीं मूलभूत सुविधाओं में भी टोटा है। सीवर लाइन,नर्मदा पेयजल योजना आज तक लागू नहीं की गई हैं। यहां पर सिविल एरिया बढ़ाने की चिर समस्या बरकरार है,अब तो सिविल एरिया को नगर निगम में समाहित करने की प्रक्रिया भी चलने लगी है। साफ-सफाई और पेयजल की समस्या यहां पर भी बनी हुई है।

तिलहरी बस्ती में पानी और स्वास्थ्य की समस्या

तिलहरी के पास स्थित विस्थापितों की बड़ी बस्ती में 6 साल बाद भी मूलभूत सुविधाओं का अभाव नजर आता है। यहां पर पेयजल की बड़ी समस्या है। 3 साल से यहां पर बड़ी टंकी बनकर तैयार है और इससे जलापूर्ति भी होने लगी है मगर जिस जगह पर टंकी बनी है उससे लगी विस्थापित बस्ती को इसका पानी नहीं मिलता है,जबकि लोग कनेक्शन लेने के लिए भी तैयार हैं। इसी तरह यहां पर स्वास्थ्य सुविधाएं भी नहीं हैं। यदि कोई बीमार हो जाए तो उपचार के लिए शहर तक लाना भी समस्या है,क्योंकि यहां पर सार्वजनिक परिवहन भी आज तक उपलब्ध नहीं हो पाया है। नगर निगम द्वारा बनवाई गई रोड और नालियां टूटने लगी हैं।

रांझी क्षेत्र परियट जलाशय के भरोसे

रांझी क्षेत्र के 8 वार्ड पेयजल आपूर्ति के लिए परियट जलाशय के भरोसे हैं जहां गर्मी में इसके खाली होने पर एक टाइम जलापूर्ति कर दी जाती है,उमरिया नहर से भी नर्मदा का पानी लिया जाता है,इसके बावजूद यहां पेयजल की किल्लत बनी रहती है। नर्मदा जल यहां की पूरी आबादी की लंबे समय से मांग है।

छिवला गांव की सड़क की मांग बरसों से कर रहे हैं मगर इसे नहीं बनाया जा रहा है। यहां से तिलहरी जाने वाली सड़क बनाई गई थी मगर बीच-बीच में वह भी खराब हो चुकी है। अनीता गौड़,रहवासी।

सड़क, पानी, बिजली और स्वास्थ्य ये सुविधाएं अभी तक नहीं मिली हैं। नेता लोग चुनाव के समय तो बहुत वादे करते हैं मगर चुनाव होते ही सब भूल जाते हैं। बेनी बाई,रहवासी।