रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू बढ़ सकते हैं रेपो रेट

रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू बढ़ सकते हैं रेपो रेट

मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ब्याज दर तय करने वाली मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन की बैठक सोमवार को यहां शुरू हुई। ऐसा अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की पहली द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा बैठक में एमसीपी प्रमुख नीतिगत दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की और वृद्धि का फैसला कर सकती है। विश्लेषकों का मानना है कि इसके साथ ही मई, 2022 से शुरू हुआ ब्याज दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला थम जाएगा। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता मौद्रिक नीति समिति की तीन दिन की बैठक (3-6 अप्रैल) के दौरान विभिन्न घरेलू और वैश्विक कारकों पर विचार किया जाएगा। इसके बाद वित्त वर्ष 2023-24 की पहली द्विमासिक मौद्रिक नीति की घोषणा की जाएगी। छह सदस्यों वाली समिति ने ब्याज दरों पर क्या फैसला किया है, इस बारे में गवर्नर गुरुवार को बताएंगे। महंगाई को काबू में करने के लिए केंद्रीय बैंक मई, 2022 से रेपो दर में 2.5 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चुका है।2023-24 के अंत तक बैंकों का एनपीए दशक के निचले स्तर 3.8 % पर होगा: क्रिसिल मुंबई। बैंकों की सकल गैर-निष्पादित आस्तियां (एनपीए) वित्त वर्ष 2023-24 के अंत में घटकर दशक के निचले स्तर 3.8 प्रतिशत पर आ जाएंगी। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने सोमवार को यह बात कही। रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि हाल में खत्म हुए वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में एनपीए घटकर 4.2 प्रतिशत रह जाएगा। इससे एक साल पहले यह आंकड़ा 5.9 प्रतिशत था। इससे पहले अनुमान जताया गया था कि 2023-24 के अंत में एनपीए चार प्रतिशत रहेगा।