रिसर्च को मिलेगा बढ़ावा, नए इक्विपमेंट, सॉफ्टवेयर, जर्नल्स आएंगे, बिल्डिंग भी बनेगी

रिसर्च को मिलेगा बढ़ावा, नए इक्विपमेंट, सॉफ्टवेयर, जर्नल्स आएंगे, बिल्डिंग भी बनेगी

ग्वालियर। जीवाजी विवि को नैक से प्राप्त ए प्लस- प्लस ग्रेड का फायदा प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान (पीएम-ऊषा) से अनुदान के रूप में जल्द मिल सकता है। ग्रांट मिलने पर विवि के विभागों में रिसर्च के लिए नए इक्विपमेंट, सॉफ्टवेयर, जर्नल्स आएंगे, नई बिल्डिंग भी बनेगी। इसके अलावा पुरानी बिल्डिंगों का रेनोवेशन, एक्सटेंशन और विवि परिसर में सड़कें बनेंगी। विवि ने उच्च शिक्षा विभाग को 120 करोड़ रुपए का प्रस्ताव भेजा है और विभाग ने प्रस्ताव पीएम- ऊषा को भेज दिया है। पीएम-ऊषा द्वारा देश भर में ए प्लस-प्लस विश्वविद्यालयों को ग्रांट दी जा रही है, जिसमें मध्यप्रदेश से अकेला जीवाजी विवि है।

विवि के हर विभागाध्यक्ष से रिक्वायरमेंट मांगी

विवि के कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी ने कुछ दिन पहले सभी विभागों के विभागाध्यक्षों की बैठक ली थी और उनसे 20 लाख रुपए में रिसर्च के लिए किनकि न इक्विपमेंट, सॉफ्टवेयर की जरूरत है, साथ ही सेमिनार, वर्कशॉप को लेकर प्रस्ताव मांगे थे। विभागों को 60 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। 40 करोड़ रुपए में पुरानी बिल्डिंगों का रेनोवेशन, एक्सटेंशन व सड़क निर्माण में खर्च किए जाएंगे।

पीएम-ऊषा का उद्देश्य

राज्य उच्च शिक्षण संस्थानों के निर्धारित मानदंडों और मानकों की अनुरूपता सुनिश्चित करके एवं गुणवत्ता आश्वासन ढांचे के रूप में मान्यता को अपनाकर उनकी समग्र गुणवत्ता में सुधार करना। राज्यों के उच्च शिक्षण संस्थानों में शासन, शैक्षणिक और परीक्षा सुधार सुनिश्चित करना और एक तरफ स्कूली शिक्षा और दूसरी तरफ रोजगार बाजार के साथ पुराने और आगामी संबंध स्थापित करना।

प्रधानमंत्री उच्चतर शिक्षा अभियान

यह एक केंद्र प्रायोजित कार्यक्रम है, जिसका लक्ष्य 300 से अधिक राज्य विश्वविद्यालयों और उससे संबद्ध कॉलेजों के साथ काम करना है। 2013 में लॉन्च किए गए। पीएम-ऊषा द्वारा विश्वविद्यालयोें और कॉलेजों के विकास के लिए अनुदान आवंटित किया जाता है।

पीएम-ऊषा से 120 करोड़ की ग्रांट के लिए उच्च शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेज दिया है। ग्रांट मिलने से विभागों में रिसर्च के नए इक्विपमेंट, सॉफ्टवेयर, जर्नल्स खरीदे जाएंगे। नई बिल्डिंग बनने पर नए कोर्स शुरू किए जाएंगे। प्रो. अविनाश तिवारी, कुलपति जेयू