धर्म-धम्म चिंतन से आपसी सद्भाव को बढ़ावा मिलेगा : राज्यपाल
भोपाल। भारतीय दर्शन में इस विश्वास में मान्यता निहित है कि विश्व सबके लिए है। युद्ध की कोई जरूरत ही नहीं है। धर्म-धम्म चिंतन से प्राचीन सभ्यताओं के बीच विचारों के परस्पर विनिमय से सद्भाव को बढ़ावा मिलेगा। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में 7वें अंतर्राष्ट्रीय धर्म-धम्म सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही। पटेल ने कहा कि हिंसा और युद्ध से कराहते विश्व के लिए बुद्ध एक समाधान हैं। मानवता के कल्याण के लिए शांति, प्रेम और एक-दूसरे के प्रति विश्वास आवश्यक है। राज्यपाल ने कहा कि हमारे देश की सदियों पुरानी परंपरा विश्व शांति और मानव जाति के कल्याण में विश्वास रखती और उसे बढ़ावा देती है। भगवान बुद्ध का सिद्धांत ही शांति का रास्ता दिखाएगा : मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सम्मेलन में उपस्थित राष्ट्रपति और विभिन्न देशों से आए अतिथियों और नागरिकों का प्रदेश वासियों की ओर से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध ने कहा है कि ‘युद्ध नहीं शांति, घृणा नहीं प्रेम, संघर्ष नहीं समन्वय, शत्रुता नहीं मित्रता’ रखें। भौतिकता की अग्नि में दग्ध विश्व मानवता को यही शांति का दिग्दर्शन कराएगा। संस्कृति मंत्री ऊषा ठाकुर, भूटान के गृह-सांस्कृतिक मंत्री उगेन दोरजी, श्रीलंका के संस्कृति और धार्मिक मामलों के मंत्री विदुर विक्रम नायके, श्रीलंका के प्रो. राहुल अनुनायक थेरा, इंडोनेशिया के उप राज्यपाल प्रो. डॉ. आईआर तोजोकोर्डो ओका अर्थ अरदाना सुकवती उपस्थित रहे।
प्रकाश, ज्ञान और सीखने की भूमि : गोविंददेव गिरि
राम-जन्म-भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरि ने कहा कि भारत भूमि, प्रकाश, ज्ञान और सीखने की भूमि है। हम आक्रांता नहीं हुए, सभी विचारों और विश्वासों का स्वागत किया है। धम्म और धर्म भविष्य के विश्व की आशा के केंद्र हैं। सांची विवि की कुलपति डॉ. नीरजा गुप्ता ने भी जानकारी दी। सम्मेलन में 4 मुख्य सत्रों में 25 विद्वान विचार रखेंगे। 15 समानांतर सत्र भी होंगे। इसमें सम्मेलन की थीम ‘नए युग में मानववाद का सिद्धांत’ पर केंद्रित 115 शोध-पत्र पढ़े जाएंगे।