पायलटों को राहत, अब सप्ताह में 48 घंटे होगी विश्राम की अवधि

पायलटों को राहत, अब सप्ताह में 48 घंटे होगी विश्राम की अवधि

नई दिल्ली। विमानन सुरक्षा नियामक नागर विमानन महानिदेशालय ने पायलटों के लिए उड़ान ड्यूटी समय सीमा को संशोधित करते हुए साप्ताहिक आराम की अवधि बढ़ा कर 48 घंटे कर दी है और रात्रि में लैंडिंग की संख्या पूर्व के छह की तुलना में घटा कर केवल दो कर दी है। ये नियम एक दशक से अधिक समय से थकान संबंधी विमानन सुरक्षा जोखिमों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण हैं। एयरलाइन को संशोधित नियमों को एक जून तक लागू करने होंगे। पायलट की थकान से जुड़ी चिंताओं को दूर करने को ध्यान में रखते हुए डीजीसीए ने पायलट रोस्टर (ड्यूटी) की व्यापक संख्या और एयरलाइन संचालकों द्वारा सौंपी गई पायलट थकान रिपोर्ट का विश्लेषण किया है।

रात की परिभाषा में अब 12 बजे से सुबह 6 बजे तक की अवधि शामिल

अध्ययन और विश्लेषण के आधार पर थकान होने के कुछ प्रमुख कारणों में अधिकतम उड़ान ड्यूटी अवधि, रात्रिकालीन ड्यूटी, साप्ताहिक आराम की अवधि, उड़ान ड्यूटी अवधि विस्तार शामिल हैं। एयरलाइन संचालकों, पायलट संघों एवं व्यक्तियों सहित विभिन्न हितधारकों से प्रतिक्रिया लेने और डेटा का व्यापक विश्लेषण करने के बाद संशोधित नियम तैयार किए गए हैं। संशोधित नियमों में, चालक दल के सदस्यों के लिए साप्ताहिक आराम की अवधि 36 घंटे से बढ़ा कर 48 घंटे कर दी गई है। इसके अलावा, रात की परिभाषा में संशोधन किया गया है और अब इसके दायरे में रात्रि 12 बजे से सुबह छह बजे की अवधि होगी, जबकि पूर्व में यह अवधि रात्रि 12 बजे से सुबह पांच बजे तक की थी। सुबह के समय एक घंटे की यह वृद्धि पर्याप्त आराम सुनिश्चित करेगी और रात्रि ड्यूटी अवधि में रात्रि 0200-0600 बजे के बीच विंडो आॅफ सर्कैन्डियन लो (डब्ल्यूओसीएल) शामिल किया गया है यानी वह समय जिसके दौरान सर्कैन्डियन बॉडी क्लॉक चक्र अपने सबसे निचले स्तर पर होता है। अधिकतम उड़ान समय, अधिकतम उड़ान ड्यूटी अवधि और रात के दौरान लैंडिंग की संख्या में संशोधित नियम लाए गए हैं। उनमें अलग अलग समय क्षेत्रों में विभिन्न प्रकार के संचालन को ध्यान में रखा गया है। रात्रिकालीन परिचालन के दौरान पूर्ववर्ती नियमों के तहत अनुमति प्राप्त अधिकतम छह लैंडिंग की संख्या को अब केवल दो तक सीमित कर उड़ान सुरक्षा बढ़ाई गई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोमवार को नई दिल्ली में बताया कि डीजीसीए ने अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप, उड़ान चालक दल के लिए उड़ान ड्यूटी समय सीमा (एफडीटीएल) से संबंधित नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं जिससे पिछले एक दशक से भी अधिक समय से थकान संबंधी विमानन सुरक्षा जोखिमों का समुचित प्रबंधन किया जा सकेगा।