ऑपरेशन में लगने वाले धागे की कमी मजबूरीवश बाजार से खरीद रहे परिजन
इंदौर। शहर 450 बेड वाले अस्पताल एमटीएच में हर एक घंटे में दो डिलीवरी हो रही है। यहां आसपास के साथ दूसरे जिलों के गंभीर केस रेफर कर एमटीएच भेजे जा रहे हैं, जिससे लगातार काम बढ़ रहा है जिससे व्यवस्थाएं चरमरा गई हैं। पर्याप्त संसाधनों की कमी के चलते मरीजों के परिजनों को बाहर से सामान लाकर देना पड़ता है।
पिछले छह माह से अस्पताल में ऑपरेशन के उपयोग में आने वाले धागों की कमी बनी हुई है, जिसके चलते ऑपरेशन में लगने वाला धागा हर मरीज के परिजन से बुलाया जा रहा है, जिसकी कीमत 1000 से 1200 रुपए है। मरीज के परिजन यदि मोलभाव करते हैं तो यह 800 रुपए तक मिल जाता है। साथ ही मरीज की आवश्यकता के अनुसार सामान बुलवाया जा रहा है।
जरूरत है 40 की, मिल रहे मात्र 6 कॉटन के बंडल
अस्पताल में प्रतिदिन 40 डिलीवरी होती है। इस प्रकार एक मरीज पर एक कॉटन के बंडल की आवश्यकता होती है, लेकिन अस्पताल को केवल 6 बंडल मिल रहे हैं। ऐसे में 40 मरीजों की पूर्ति इससे करनी पड़ती है।
गंदे कपड़े से इन्फेक्शन का खतरा
पर्याप्त संसाधन की कमी के चलते मरीज को रिकवर होने में कई बार देर होती है। नार्मल डिलीवरी में तीन दिन बाद छुट्टी कर दी जाती है, लेकिन कई बार कॉटन पैड नहीं होने के कारण मरीज के परिजन गंदा कपड़ा उपयोग करते हैं, जिससे कई बार मरीज में इन्फेक्शन हो जाता है, जिसके चलते उसे ज्यादा दिन तक भर्ती करना पड़ता है।
धागे के साथ दवा भी बाहर से खरीदना पड़ी
मरीज के परिजन अनिल गंगराड़े ने बताया कि उनके यहां डिलीवरी 23 जुलाई को हुई थी। उससे दो बार धागे बाहर से बुलाए गए हैं। कुल मिलाकर दो हजार के धागे और करीब पांच सौ रुपए की दवाई और इंजेक्शन मेडिकल से खरीदकर लाया हूं। आज बाजार से खरीदकर सेनेटरी पैड भी लेकर आया हूं। यह बात एक ने नहीं, बल्कि कई परिजनों ने बताई है।
इनका कहना है...
सामान पूरा नहीं मिल रहा है। आज वीसी में सामान को लेकर चर्चा हुई थी। नया बजट आगे फिर मिलेगा। इस संबंध में भी एमवाय अस्पताल को बता दिया है। वह कब तक देते इस बारे में कुछ कह नहीं सकता हूं। -डॉ. निलेश दलाल, अधीक्षक एमटीएच अस्पताल