रीडेंसिफिकेशन प्लॉन बदल सकता है शहर की तस्वीर
जबलपुर। नगर निगम के बजट में इस बार रीडेंसिफिकेशन प्लॉन प्रस्तुत किया गया है जो महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू लेकर आए हैं। यदि विपक्ष को वे इस प्लॉन के लिए सहमत कर लेते हैं और ये प्रस्ताव सर्वसम्मति से पास हो गया तो शहर की तस्वीर बदल सकती है। इस प्लॉन के मुताबिक शहर के मुख्य स्थलों की खाली जमीन जो कि अनुपयोगी है को बेचकर इससे नगर निगम अरबोपति तो होगा ही साथ ही हमेशा के लिए स्थाई आय का जरिया भी बन जाएगा। इस कदम से नगर निगम का खजाना लबालब हो जाएगा और कभी भी आर्थिक संकट उसे नहीं होगा। गौरतलब है कि बरसों से शासन नगर निगम को आय के साधन विकसित करने के निर्देश देता आया है। केन्द्र ने भी इस संबंध में पहले कई बार हिदायत दी हैं, लेकिन आय को विकसित करने या नए साधन बनाने में नगर निगम कभी भी सफल नहीं हो पाया है।
क्या है रीडेंसिफिकेशन
इसके तहत नगरीय निकाय नगर के मुख्य स्थलों की रिक्त भूमि को लीज पर दे सकते हैं। वर्तमान में भूमि के जो दाम हैं वे आसमान पर हैं। कई जगह की जमीनें रिक्त हैं जहां पर इनका कोई उपयोग भी नहीं किया जा रहा है,ऐसी जमीनों को लीज पर देकर एकमुश्त राशि व भविष्य में स्थाई मासिक आय का जरिया बनाया जा सकता है।
2010 में आया था सदन में प्रस्ताव
यहां गौरतलब है कि यह प्रस्ताव पूर्व में तत्कालीन महापौर प्रभात साहू अपने कार्यकाल के प्रारंभ में लेकर आए थे मगर तब विपक्ष में रही कांग्रेस ने इस प्रस्ताव का घनघोर विरोध किया था जिसके कारण यह प्रस्ताव पारित नहीं हो पाया था। हालाकि तब के प्रस्ताव और वर्तमान प्रस्ताव में सुधार किए गए हैं जिसके चलते महापौर को उम्मीद है कि विपक्ष इसमें सहमति देगा।
यहां पर हैं रिक्त जमीनें
पुराने बस स्टेंड की 10 से 12 एकड़ बेशकीमती जमीन,चौपाटी के बाजू में कारगिल ग्राउंड,स्काउट वाली नेहरू उद्यान के बाजू की जमीन,दमोहनाका के पुराने बस स्टैंड की जमीन आदि ऐसी जमीनें हैं जिनका व्यवसायिक उपयोग आसानी से किया जा सकता है।
ये आएगा अंतर
यदि यह प्रस्ताव अमल में आता है तो गगनचुंबी हाई राइज बिल्डिंग,ट्विन टॉवर,मॉल्स जैसे निर्माण शहर में नजर आ सकते हैं जो पीपीपी से बनेंगे इसमें जमीन नगर निगम की होगी मगर लीज पर दी गई होगी इससे एकमुश्त राशि व मासिक किराया नगर निगम के खजाने को प्राप्त होगा।
टैक्स पर निर्भरता होगी खत्म
नगर निगम विकास कार्यों के लिए राज्य या केन्द्र की मदद पर पूरी तरह से आश्रित है। उसकी अपनी आय केवल करों की वसूली पर निर्भर है जोकि संपत्तिकर,जलशुल्क,लीज किराया,दुकान किराया या नक्शा आदि विभागों से होने वाली आय पर निर्भर है,इससे मिलने वाली राशि इतनी पर्याप्त नहीं होती कि वह कोई विकास कार्य करवा पाए। चुंगी क्षति पूर्ति से मिलने वाली राशि से बामुश्किल वेतन भुगतान ही हो पाता है।
रीडेंसिफिकेशन प्लॉन से नगर निगम को फायदा होगा। इससे शहर विकास को पंख लगेंगे और विकास कार्यों के लिए धन की कमी नहीं होगी। यह हमारा महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। जगत बहादुर सिंह अन्नू,महापौर