पिछले वर्ष की अपेक्षा 10 फीसदी बढ़े रंग-गुलाल के रेट्स
जबलपुर। महंगाई का असर इस बार होली पर भी दिखाई दे रहा है। सामान्य गुलाल से लेकर हर्बल गुलाल के रेट्स में जबर्दस्त उछाल आया है। वहीं रंगों में भी 10 से 15 फीसदी तक रेट्स बढ़े हैं। इसके अलावा हर्बल रंग महंगा होने से जबलपुर में न डिमांड रह गई है और न ही व्यापारी हर्बल रंग बुलवा रहे हैं। पहले टेसू के फूल और गुलाब सहित अन्य फूलों से रंग बनाया जाता था, लेकिन अब इसकी खपत और आपूर्ति न के बराबर रह गई है।
गौरतलब है कि 4 दिन बाद सड़कों पर होली के रंग बिखरेंगे। इसके बाद भी रंग और गुलाल की अभी तक फुटकर बिक्री सामान्य ही है। वहीं थोक बाजारों में मांग न होने से उदासीनता का माहौल है। हालांकि इस बार नए-नए मुखौटे, आकर्षक रंगों में हर्बल गुलाल और गुलाल के सिलेंडर बाजार में आए हैं। उम्मीद की जा रही है कि 2 दिनों बाद अच्छी खासी मांग बढ़ेगी।
नेताओं के मुखौटे गायब
इस बार व्यापारियों में नेताओं के मुखौटों से तौबा कर ली है। आचार संहिता लगने के साथ ही व्यापारियों ने नेताओं के मुखौटे आर्डर ही नहीं किए। हालांकि इस बार विविध प्रकार के आकर्षक मुखौटे आए हैं जो बरबस ही बच्चों की पसंद बन जाएंगे। बाजार में 30 रुपए से 125 रुपए तक के मुखौटे रंग-गुलाल की दुकानों में सज गए हैं।
विविध कलर में आई गुलाल
इस बार सामान्य गुलाल थोक में 70 से 80 रुपए किलो मिल रही है। वहीं हर्बल कलर का गुलाल विविध रंगों में आई है। हर्बल गुलाल थोक में 100 से 125 रुपए तक मिल रही है। हालांकि फुटकर बाजार में इसके रेट डबल से 5 गुना तक महंगी हो जाती है। बमुश्किल 10 ग्राम गुलाल के पैकेट 20 से 40 रुपए तक मिलते हैं। वहीं रंग 20 से 70 रुपए तोला मिल रहा है। धुरैड़ी पर खासी मांग रहने पर इसके भाव भी आसमान छू लेते हैं।
सिलेंडर गुलाल युवाओं की पसंद
इस वर्ष सिलेंडर गुलाल युवाओं की पसंद बनेंगे। थोक रेट्स में 600 से 800 रुपए में 2 से 4 किलो तक के स्प्रे सिलेंडर मिल रहे हैं। वहीं फुटकर बाजार में सिलेंडर ढाई हजार तक मिल रहे हैं। स्नो स्प्रे के अलावा 240 रुपए का हर्बल गुलाल का जार बाजार में उपलब्ध हैं।1
टैंक पिचकारी की खासी डिमांड
बच्चों के पिट्ठू बैग की तरह टैंक पिचकारी आकर्षण का केन्द्र बनी हुई है। रंगों को भरकर पिट्ठू से रंग की पिचकारी छोड़ने वाला टैंक पिछले वर्ष भी बच्चों की पसंद बना रहा। इस बार 70 रुपए से लेकर 300 रुपए तक के पिट्ठू बैग थोक रेट्स में मिल रहे हैं। हालांकि लंबी प्लास्टिक की पाइप वाली पिचकारी भी अपनी पहचान बनाए है।