2038 तक बुकिंग है रांझी की मन्नत वाली महाकाली

2038 तक बुकिंग है रांझी की मन्नत वाली महाकाली

जबलपुर। देश भर में ख्यात मन्नत वाली माता महाकाली रांझी की प्रतिमा दर्शन के लिए भक्तों को साल भर इंतजार रहता है। बैठकी के दिन से ही प्रतिमा की स्थापना की जाती है। खास बात ये है कि इस वर्ष 19 साल पहले पूना निवासी युवती ने प्रतिमा की बुकिंग कराई थी। अब जाकर उनका नंबर आया। रांझी में मन्नत वाली महाकाली के नाम से विख्यात प्रतिमा की 2038 तक लोगों ने निछावर राशि जमा कर बुकिंग करा दी है। इस संबंध में समिति के अध्यक्ष नरेश दुआ ने बताया कि प्रतिमा स्थापना का यह 27वां वर्ष है।

श्रद्धालुओं में मन्नत वाली महाकाली विराजमान कराने के लिए इतना उत्साह है कि 2038 के बाद बुकिंग बंद कर दी गई है। हालांकि 2056 तक के लिए नंबर लग चुके हैं। माना जाता है कि श्रद्धालुओं द्वारा नारियल रखकर मन्नत मांगी जाती है। मनोकामना पूरी होने पर श्रद्धालु कुछ न कुछ आयोजनों में भागीदार हो जाते हैं।

हर वर्ष बढ़ता है आकार

समिति के रमेश शर्मा ने बताया कि हर वर्ष प्रतिमा का आकार बढ़ रहा है। इस वर्ष साढ़े 13 फीट की प्रतिमा पहले ही दिन विराजमान हुई हैं। वहीं भक्तों ने माता के चरणों में 9 किलो के जेवर अर्पित किए हैं। मन्नत वाली महाकाली का स्थाई पंडाल भी बन गया है। समिति द्वारा माता के लिए 5 साल पहले स्थाई रथ भी तैयार हो चुका है।

गढ़ा में दादा दरबार की महाकाली

यहां 49 वर्षीय घनश्याम कोष्टा जब महज 8 वर्ष के थे तो उन्होंने नवरात्र पर माता महाकाली की प्रतिमा रखी थी। तब से वह हर वर्ष प्रतिमा रखते आ रहे हैं। वर्तमान में 15 फीट ऊंची प्रतिमा का निर्माण उनके द्वारा ही किया जाता है। खास बात ये है कि माताजी का स्वरूप हर वर्ष एक ही नजर आता है। वहीं अष्टमी-नवमी को रौद्र रूप साफ देखा जा सकता है।

वृहत महाकाली का 123वां वर्ष

गढ़ाफाटक में माता महाकाली की स्थापना का यह 123वां वर्ष है। हर वर्ष बैठकी के दिन स्थापना की जाती है। प्रतिमा हर वर्ष दशहरा चल समारोह में विसर्जन के लिए निकलती है। नवरात्र पर्व पर गढ़ाफाटक में हर वर्ष आकर्षक विद्युत साज सज्जा की जाती है। प्रतिमा निर्माण में इस वर्ष 41 हजार रुपए की लागत आ रही है। खास बात ये है कि पंडाल ने मंदिर का स्वरूप लिया है और वर्ष भर यहां मां की कलश ज्योति प्रज्वलित रहती है। वहीं लटकारी के पड़ाव की महाकाली आज सोमवार को रखी जाएंगी।

गढ़ा की महारानी हैं माता महाकाली

गढ़ा छोटी बजरिया में पिछले 12 वर्षों से मां अष्टभुजी की प्रतिमा स्थापित की जा रही है। गत वर्ष से माता महाकाली की प्रतिमा की स्थापना का क्रम शुरू हुआ है। अब माता महाकाली गढ़ा की महारानी के नाम से ख्यात हो चुकी हैं। इस वर्ष भी प्रतिमा निर्माण घमापुर प्रकाश साहू मूर्तिकार द्वारा किया जा रहा है। बैठकी के दिन से प्रतिमा विराजमान हो गई हैं। कछपुरा स्थित ओव्हर ब्रिज के नीचे बड़ी महाकाली की प्रतिमा भी पहले दिन विराजमान हो गई हैं।