बेतरतीब यातायात : मैदान में मात्र 600 कर्मी, कैसे सुधरेगी व्यवस्था

बेतरतीब यातायात : मैदान में मात्र 600 कर्मी, कैसे सुधरेगी व्यवस्था

इंदौर। शहर के ट्रैफिक को चुस्त-दुरुस्त करने निगम, इंदौर विकास प्राधिकरण, आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस लगातार काम कर रहे हैं। इसके बावजूद बेतरतीब यातायात इंदौर की पहचान बनता जा रहा है। रोजाना सड़कों पर बड़ी संख्या में वाहन गुत्थमगुत्था होते रहते हैं। ट्रैफिक पुलिस के पास मात्र 600 जवानों (अधिकारी भी शामिल) का बल है, जबकि दरकार 1900 की बनी हुई है। तीन साल पहले बल बढ़ाने के लिए ट्रैफिक पुलिस की ओर से शासन को पत्र भेजा गया था, जहां से अब तक बल उपलब्ध नहीं कराया गया। हर साल सड़कों पर 25 हजार से अधिक दोपहिया, चारपहिया और लोकसेवा वाहन उतरते हैं। इनमें से 90 फीसदी वाहन रोज दौड़ते दिखाई देते हैं। आरटीओ के आंकड़ों के मुताबिक शहर में करीब 16 लाख के आसपास वाहन हैं। इंदौर का क्षेत्रफल भी लगातार बढ़ता जा रहा है। इतनी बड़ी संख्या के वाहनों को नियंत्रित करना किसी चुनौती से कम नहीं है।

मुख्य चौराहों पर अधिक परेशानी: जानकारों के मुताबिक 200 से अधिक मुख्य चौराहे हैं, जहां सुबह से देर रात तक वाहनों की रेलमपेल मची रहती है। सभी चौराहों से दिनभर में हजारों की संख्या में वाहन आवाजाही करते हैं। कुछ चौराहों पर यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है। बल का अभाव होने से सभी चौराहों पर जवान तैनात नहीं किए जाते।

अलग-अलग ड्यूटी से बंटवारा

600 जवानों में से कुछ जवान चालानी कार्रवाई, कोर्ट, अधिकारियों के दफ्तर, अवकाश, विभागीय कार्य में सेवाएं देते हैं। बचे हुए जवानों को चौराहों पर खड़ा किया जाता है। प्रत्येक चौराहों पर दो-दो जवानों को शिफ्ट अनुसार खड़ा किया जाता है। इस तरह एक चौराहे पर चार जवान तैनात रहते हैं। 200 चौराहों पर यह संख्या 800 तक पहुंच जाती है।

नियमों के उल्लंघन का लगता है आरोप

यही कारण है कि वाहन चालक चौराहों पर जवान नहीं होने का आरोप लगाते हैं। चौराहों पर नियमों के उल्लंघन होता है। रेड लाइट में निकलने से दुर्घटनाएं भी होती है। हालांकि, ट्रैफिक पुलिस नियमों का पालन कराने समयस मय पर वाहन चालकों के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन करती है।

लंबे समय से ट्रैफिक विभाग में बल का अभाव बना हुआ है। कम बल होने से चालानी कार्रवाई और ट्रैफिक सुधार का काम प्रभावित होता है। हालांकि, चार चौराहों पर इंटीग्रेटेड सिग्नल लगाए गए हैं, इससे रेड लाइट जंप करने वालों के चालान काटे जा रहे हैं। मनीष कुमार अग्रवाल, उपायुक्त, ट्रैफिक पुलिस