रक्षाबंधन आज, बाजारों में खरीदारों की उमड़ी भीड़
ग्वालियर। भाई-बहन के प्यार का त्योहार रक्षाबंधन बुधवार को मनाया जाएगा, त्योहार से एक दिन पहले बाजारों में खरीदारों की खासी भीड़ देखने को मिली। यह भीड़ महिला खरीदारों की राखी की दुकानों पर रही, महाराज बाड़ा सहित शहर के विभिन्न बाजारों में सजी राखी की दुकानें व ठेले सुबह से लेकर शाम तक ग्राहकों से गुलजार रहीं। वहीं ज्योतिषाचार्य डॉ. सतीश सोनी ने बताया कि बुधवार सुबह 6 से 9 बजे तक भद्रा एवं पंचक से पूर्व राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रहेगा। इसके बाद दोपहर 3.30 से शाम 6.30 बजे तक, शाम 6.31 से रात 8.11 बजे तक तथा सर्वोत्तम अमृत मुहूर्त रात 9.34 से रात 10.58 बजे तक राखी बांधना शुभ रहेगा। इसके अलावा भद्रा समाप्ति के बाद रात 9.02 बजे के बाद से लेकर 31 अगस्त सुबह 7.01 बजे तक राखी बांधी जा सकेगी।
त्योहार पर घर जाने के लिए रही मारामारी
राखी के एक दिन पहले सुबह से ही रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड पर यात्रियों की भीड़ दिखाई दी। जो भी ट्रेन आई उसमें बैठने के लिए यात्रियों में होड़ मची रही, सबसे ज्यादा भीड़ एक्सप्रेस ट्रेनों में दिखाई दी। इन ट्रेनों में यात्रियों को बैठने तक की जगह भी नहीं मिल रही है। जगह नहीं होने पर यात्री ट्रेनों में गेट तक लटक कर यात्रा कर रहे हैं। कई यात्रियों ने लगेज कोच में अपना कब्जा जमा लिया। यात्रियों में ज्यादातर संख्या महिलाओं की है, जो रक्षाबंधन पर अपने भाइयों को राखी बांधने मायके जा रही हैं। भाई को राखी बांधने की खुशी और परिवार के लोगों से मिलने का उत्साह महिलाओं के चेहरे पर साफ दिखाई दिया। जिन लोगों ने रक्षाबंधन के लिए पहले ही आरक्षण करवा लिया था, वे ही आराम से यात्रा कर रहे हैं। कुछ ट्रेन ऐसी भी हैं, जिनमें आरक्षण के बाद भी सीट पाने के लिए यात्रियों को लड़ाई लड़ना पड़ी। लंबी दूरी की ट्रेनों में वोटिंग लिस्ट 100 से ज्यादा है। ग्वालियर से मुंबई, पुणे, दिल्ली सहित राजस्थान के शहरों की ट्रेनों में यात्रियों की आवाजाही अधिक होती है। लिहाजा इन ट्रेनों में सबसे ज्यादा वेंिटग है।
जेल में भाइयों का लड्डुओं से मुंह मीठा कराएंगी बहनें, खुले में होगी मुलाकात
जेल में बंद बंदियों की कलाई पर बहनें खुले में राखी बांधेंगी, लेकिन मुंह में मिठास के लिए जेल में बने लड्डू खरीदने होंगे। क्योंकि बाहरी सामान पर रोक है और बहनें सिर्फ राखी लेकर प्रवेश करेंगी। कोरोना के बाद से बीते साल ही प्रतिबंध समाप्त हुआ है और जेल में सजा काट रहे बंदियों के माथे पर बहनें मंगल तिलक लगाकर रक्षासूत्र बांधेंगी और उनसे रक्षा का वचन लेंगी। जेल प्रबंधन भाइयों को तिलक करने आने वाली बहनों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो, इसके लिए जेल में व्यवस्थाओं को अंतिम रूप देने में जुट गया है। जेल अधीक्षक विनीत सरवईया ने बताया कि दौज पर बहनों को राखी के लिए जेल में आने की अनुमति जेल मुख्यालय से मिली है। बहनें जेल आकर यहां पर सजा काट रहे भाइयों को मंगल तिलक कर राखी बांधेंगी।