अन्नदाता पर कहर बनी बारिश, उपार्जन केन्द्रों में भीगा गेहूं
जबलपुर। बेमौसम की बारिश अन्नदाताओं को खून के आंसू रुला रही है,मगर जिम्मेदार बारिश को उड़द,मूंग और सोयाबीन की फसलों के लिए फायदेमंद बता रहे हैं।वहीं उपार्जन केन्द्रों में पड़ा गेहूं भीगकर सड़ चुका है। खरीदी केन्द्रों में तुल कर बाहर खुले में पड़ी उपज बर्बाद होकर रखे-रखे नॉन एफक्यू हो गई है जिसका समर्थन मूल्य पर दाम मिलना खटाई में पड़ चुका है।
अप्रैल माह में हुई बे-मौसम बारिश के चलते किसान खरीदी केन्द्र और खेत दोनों जगह मेहनत की उपज बर्बाद होते देख रहे हैं और खून के आंसू रो रहे हैं। गत दिवस की बारिश के वीडियो वायरल हो रहे हैं जिसमें ओलावृष्टि भी साफ दिख रही है मगर सरकारी विभाग का रवैया ऐसा है जैसे कोई नुकसान हुआ ही न हो। अफसर इस बारिश को उड़द-मूंग और सोयाबीन के लिए फायदेमंद बताने से नहीं चूक रहे हैं। उधर जमीनी हालत ऐसे हैं कि किसान अपने खेतों में खड़ी उड़द-मूंग और सोयाबीन की फसल देखकर तड़फ रहा है।
चौतरफा पानी
शहपुरा-भिटौनी से लेकर सिहोरा,पनागर,बरेला तरफ पानी गिरने से फसलों में बहुत तबाही हुई है। वहीं खरीदी केन्द्रों में रखे अनाज के बोरे भीग कर खराब हो गए हैं। इस समय खेतों में उड़द,मूंग की फसल पक कर कटने के लिए तैयार खड़ी है जो बर्बाद हो गई है। जिसका दाना खराब हो चुका है। जबलपुर जिले में लगभग 65 हजार हेक्टेयर उड़द-मूंग व सोयाबीन का रकबा माना जाता है।
यहां ओलों ने मचाई तबाही
सूत्रों की मानें तो शहपुरा के गुबराकलां में गत दिवस आधे घंटे ओलावृष्टि हुई है। इसके अलावा बेलखेड़ा,मेरेगांव,जमखार,सालीवाड़ा आदि गांव के आसपास भी जमकर पानी और ओले बरसे हैं। शहपुरा विटौनी के अंतर्गत बेलखेड़ा,बसेड़ी,मनकेड़ी गेहूं उपार्जन तीनों केन्द्रों में खुले आसमान के नीचे लगभग 1 से डेढ़ हजार क्विंटल गेहूं बाहर रखा था जो खराब हो चुका है। यहां दोपहर 3 बजे अचानक हुई बारिश और ओलावृष्टि से उपार्जन का कार्य भी प्रभावित हुआ है।
सोसाइटी में रखे गेहूं के कहीं- कहीं से खराब होने की सूचना है,लेकिन खेतों में कोई नुकसान नहीं हुआ है। ओले गिरनेकी जानकारी नहीं है। उड़द,मूंग के लिए यह पानी फायदेमंद है। रवि आम्रवंशी,उप संचालक, कृषि विभाग।