राहुल की सदस्यता बहाल; 137 दिन बाद संसद पहुंचे, आज अविश्वास प्रस्ताव पर करेंगे बहस

राहुल की सदस्यता बहाल; 137 दिन बाद संसद पहुंचे, आज अविश्वास प्रस्ताव पर करेंगे बहस

नई दिल्ली। ‘मोदी सरनेम’ को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि पर उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के तीन दिन बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष की लोकसभा सदस्यता सोमवार को बहाल कर दी गई। इस संबंध में लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी की। राहुल 137 दिन बाद सोमवार को ही संसद पहुंचे। कांग्रेस सहित विपक्षी दलों के सदस्यों ने उनके आगमन पर स्वागत किया। कांग्रेस ने राहुल की सदस्यता बहाली को ‘सत्य की जीत’ करार दिया। इधर, राहुल के मंगलवार को संसद में मणिपुर हिंसा मामले पर लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बोलने की संभावना व्यक्त की गई है। कांग्रेस ने कहा कि वह चाहती है कि राहुल लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में मुख्य वक्ता हों। बता दें कि मंगलवार को संसद में केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी।

लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया

राहुल करीब 12 बजे संसद भवन पहुंचे और लोकसभा की कार्यवाही में शामिल हुए। राहुल ने सबसे पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा को नमन किया। कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में पार्टी के उप नेता प्रमोद तिवारी, सपा के रामगोपाल यादव, शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत, आरएसपी के एनके प्रेमचंद्रन ने नारे लगाकर उनका स्वागत किया।

राहुल ने ट्विटर का बायो बदला :

सदस्यता बहाल होने के बाद राहुल गांधी ने अपने ट्विटर प्रोफाइल का ब्यौरा बदला और संसद सदस्य लिखा। संसद सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद उन्होंने ‘डिस्क्वालीफाइड एमपी’ (अयोग्य ठहराए गए सांसद) लिखा था।

मिठाई खिलाकर स्वागत :

राहुल की सदस्यता बहाल होते ही कांग्रेस मुख्यालय में जश्न शुरू हो गया और कार्यकर्ता नाचने लगे और पूर्व पार्टी प्रमुख के पक्ष में नारे लगाने लगे। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और अन्य सदस्यों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी व्यक्त की।

‘राहुल के निडर रहने के मंत्र को याद रखने की जरूरत’

भोपाल। मध्यप्रदेश की कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष कमलनाथ ने सोमवार को राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल किए जाने का स्वागत किया। उन्होंने ट्वीट किया, मैं राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने के फैसले का स्वागत करता हूं। अब हमें संसद में फिर वह सिंह गर्जना सुनने को मिलेगी, जो जनता को अभय और लोकतंत्र विरोधियों को भय देती है। राहुल जी का एक ही मंत्र हम सबको याद रखना है-डरो मत।

    फैसला स्वागत योग्य है। भाजपा और मोदी सरकार के कार्यकाल का अब जो भी समय बचा है, उन्हें उसका उपयोग विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए नहीं करना चाहिए, बल्कि उन्हें शासन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। - मल्लिकार्जुन खड़गे, अध्यक्ष, कांग्रेस

जनता के असल मुद्दों की आवाज एक बार फिर संसद में गूंजेगी। राहुल गांधी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संघर्ष करने वाले लाखों कांग्रेस कार्यकर्ताओं व इंसाफ और सच की लड़ाई में समर्थन देने वाले करोड़ों देशवासियों का तहे दिल से धन्यवाद। - प्रियंका गांधी, कांग्रेस नेत्री