राहुल बोले- मप्र सरकार चलाने वाले 53 अफसरों में ओबीसी का सिर्फ एक
जबलपुर-अशोकनगर में राहुल, सतना-रीवा में प्रियंका की सभा
जबलपुर/भोपाल/अशोकनगर। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि मोदीजी कहते हंै कि मप्र की सरकार ओबीसी की सरकार है, लेकिन प्रदेश चलाने वाले 53 अफसरों में से एक ही अफसर ओबीसी का है। यानी मप्र के 100 रुपए के बजट में से सिर्फ 33 पैसे का निर्णय लेने का अधिकार ओबीसी अफसर को है। जबलपुर में रोड शो के बाद आयोजित जनसभा में राहुल गांधी ने जातीय जनगणना का मुद्दा उठाते हुए कहा कि मेरा मानना है कि मप्र में 50 से 55 फीसदी ओबीसी हैं तो सरकार चलाने में एक ही ओबीसी अफसर क्यों? जो एक ओबीसी अफसर है उसे भी काम नहीं दिया जाता। इसी तरह उन्होंने कहा केंद्र सरकार चलाने वाले 90 अफसरों में से ओबीसी के 3 और एक दलित अफसर है। राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान का एक्स-रे जातीय जनगणना से होगा। उन्होंने यह भी कहा कि एमपी बलात्कार और बेरोजगारी की कैपिटल है। इसके साथ ही उन्होंने नोटबंदी और जीएसटी की बात कहते हुए छोटे उद्योगों के मालिकों को बर्बाद करने का आरोप केंद्र सरकार पर लगाया। जातीय जनगणना एक शुरुआत है इसके बाद अगली लड़ाई कमजोर वर्गों के न्याय की होगी।
‘कांग्रेस ने पट्टे, शिक्षा और भोजन का अधिकार दिया’
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत मझगवां और रीवा में जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने सतना के चित्रकूट में चुनावी सभा के बाद रीवा में कहा, मेरी सभा में इंदिरा जी के नारे से मोदी जी नाराज हो जाते हैं। मेरे भाषण पर उन्होंने टिप्पणी भी की। आप ही बताइए क्यों आप इंदिरा जी के लिए नारा लगाते हैं, क्योंकि उनका आपसे एक रिश्ता था। पट्टे आपको इंदिरा जी ने दिए, वो जानती थीं कि जमीन पर काम करने वाले आप हैं। शिक्षा आपको कांग्रेस ने दी। आपके लिए भोजन का अधिकार बनाया।
सही वोट डालो, 5 साल कांग्रेस को दे दो: प्रियंका
प्रियंका गांधी ने आम सभा की शुरूआत चित्रकूट के कामतानाथ स्वामी के जयकारों से की। उन्होंने कहा, शिवराज सिंह कहते हैं - मैं हूं घबराओ मत, खेती सूख रही मामा कहते हैं घबराओ मत। महिलाओं के साथ अत्याचार होता है, लाड़ली हैं पर सुरक्षा नहीं है। जहां देखो घोटाला है। इंदिरा जी से रिश्ता इसलिए लगते हैं नारे: प्रियंका ने यहां भी कहा कि उनकी सभा में इंदिरा जी के नारे लगाए जाने से मोदी जी नाराज हो जाते हैं। यहां प्रियंका ने कहा कि इंदिरा जी को मामी जी-चाची जी कहने की जरूरत नहीं थी।