करोंद में आरओबी का लोकार्पण, पांच लाख की आबादी को राहत

करोंद में आरओबी का लोकार्पण, पांच लाख की आबादी को राहत

भोपाल। शहर की पांच लाख आबादी को अब जाम से नहीं जूझना पड़ेगा। 26 करोड़ की लागत से निर्मित करोंद रेलवे क्रॉसिंग आरओबी से इस क्षेत्र की ट्रैफिक की समस्या हल होगी। यहां शुक्रवार को करोंद रेलवे क्रॉसिंग आरओबी और सड़क का लोकार्पण किया गया। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने को नरेला विधानसभा वासियों को एक और ओवरब्रिजकी सौगात दी। इस अवसर पर सारंग ने कहा कि नरेला में 10-10 ब्रिज की सौगात मिली है। उन्होंने कहा कि करोंद क्षेत्र के रहवासियों द्वारा लंबे समय से इस ओवर ब्रिज की मांग की जा रही थी। इस ओवर ब्रिज से ट्रैफिक का दबाव कम होगा और लोगों को बार-बार लगने वाले जाम से भी निजात मिलेगी।

स्मार्ट रोड भी तैयार : करोंद मुख्य चौराहे से लेकर कृषि उपज मंडी तक 10 करोड़ की लागत से स्मार्ट सड़क का निर्माण किया गया है। लगभग 1.20 किलोमीटर की 4 लेन मार्ग स्मार्ट सड़क में सेंट्रल वर्ज एवं सड़क की दोनों तरफ डक्ट का निर्माण किया गया है। उन्होंने बताया कि पैदल यात्रियों की सुविधा हेतु फुटपाथ के साथ ही सड़क की दोनों ओर स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था भी की गई है। इस स्मार्ट सड़क के निर्माण से करोंद क्षेत्र में यातायात व्यवस्था और अधिक सुगम होगी।

आरओबी से इन कॉलोनियों के लोगों को मिलेगा लाभ

इससे करोंद क्षेत्र के आसपास हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, गैस राहत कॉलोनी, नवीन नगर, बैरसिया रोड, आरिफ नगर, डीआईजी बंगला, जेपी नगर, चौकसे नगर, कैंची छोला, काजी कैंप सहित आसपास के इलाकों से प्रतिदिन आने-जाने वाले लगभग 5 लाख लोगों को इस आरओबी से लाभ मिलेगा।

यह कहते हैं रहवासी

करोंद ब्रिज बनने से हम लोगों को राहत मिली है। बार-बार रेलवे फाटक बंद होने से जाम के हालत बनते थे, लेकिन इससे निजात मिलेगी। वहीं करोंद पहुंचने में समय की बचत होगी। रफत मियां, निवासी, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी

करोंद सब्जी मंडी के लिए छोला रोड से होकर जाना पड़ता था, जहां निकलने में काफी परेशानी आती थी, लेकिन इस ब्रिज के बनने से मात्र भोपाल टाकीज से मात्र पांच मिनट में पहुंच जाएंगे। नरेंद्र चौरसिया,एडवोकेट

आरओबी बन जाने से अब राहत मिल गई है। रेलवे क्रॉसिंग का गेट बार-बार बंद होने से यहां जाम लगता था। इस इलाके में रहने वाले लोग परेशान रहते थे। इंद्रजीत राजावत,रहवासी, करोंद

लंबे समय से इस इलाके में आरओबी की जरूरत महसूस की जा रही थी, क्योंकि लाखों लोगों का आवागमन इस मार्ग से होता है। फराज अहमद,रहवासी