बीओबी के ‘बॉब वर्ल्ड’ ऐप पर रिजर्व बैंक की कड़ी कार्रवाई से दूसरे बैंक सतर्क हुए
नई दिल्ली। आरबीआई की बैंक ऑफ बड़ौदा (बीओबी) के डिजिटल एप्लिकेशन पर नए ग्राहकों को जोड़ने पर रोक लगाने से अब दूसरे बैंक भी सतर्क हो गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, केंद्रीय बैंक की इस कार्रवाई के बाद दूसरे बैंकों को अपनी डिजिटलीकरण प्रक्रियाओं पर फिर से विचार करने, खामियों को दूर करने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए कर्मचारियों की निगरानी करने पर मजबूर होना पड़ा है। हालांकि, आरबीआई ने बैंक को कोई निर्देश नहीं दिए हैं, लेकिन अंदेशा है कि रिजर्व बैंक किसी की फेस वैल्यू पर सब छोड़ने वाला नहीं है। एक प्राइवेट बैंक में डिजिटल हेड ने कहा कि अब तक आरबीआई फेस वैल्यू के आधार पर बैंकों से डिजिटल चैनलों की प्रगति पर अपडेट और डेटा लेता था, लेकिन अब इस मोर्चे पर वह अपने रुख में बदलाव करेगा।
दोबारा गौर करने की जरूरत
पब्लिक सेक्टर के एक बैंक में डिजिटल चैनलों के इंचार्ज एक सीनियर एक्जीक्यूटिव ने कहा कि इससे हर बैंक में खामियों को दूर करने और अपने सिस्टम पर दोबारा गौर करने की तत्काल जरूरत को बल मिला है। हमने स्वेच्छा से एक समीक्षा की, और मुझे यकीन है कि दूसरों ने भी ऐसा किया होगा। बीओबी मामले में, ऐसा लगता है कि कुछ शरारती कर्मचारियों ने अपने टारगेट को पूरा करने के लिए सिस्टम का दुरुपयोग किया है।
क्या किया था रिजर्व बैंक ने
10 अक्टूबर को आरबीआई ने बीओबी को ‘बॉब वर्ल्ड’ ऐप पर किसी भी नए ग्राहक को जोड़ने से तत्काल प्रभाव से रोक दिया था। बैंक की ओर से ग्राहकों को इस प्लेटफॉर्म पर जोड़ने में ठोस निगरानी चिंताएं देखी गई थीं। इससे बैंकिंग रेगुलेटर ने कड़ा संदेश दिया है, जो नजरअंदाज नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि बैंकों को डिजिटल चैनलों के किसी भी दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रक्रियाएं बनाने और प्लानों को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
बैंकों को और ध्यान देने की जरूरत
पब्लिक सेक्टर के एक बड़े बैंक के चीफ डिजिटल ऑफिसर ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि आरबीआई हर साल अलग-अलग समय पर बैंकों का सालाना ऑडिट करता है। इनमें डिजिटल चैनल भी शामिल हैं। बीओबी में जो हुआ, वह सभी के लिए ध्यान देने वाली बात है। हालांकि यह एक अनोखी घटना है, लेकिन यह बैंकों को चेताने वाली बात है, जिस पर उन्हें अमल करना चाहिए। बैंकरों ने आरबीआई की मौजूदा कार्रवाई की तुलना दिसंबर 2020 में एचडीएफसी बैंक पर क्रेडिट कार्ड जारी करने पर लगाए गए प्रतिबंध से की, जो नौ महीने तक चला। उन्हें उम्मीद है कि बीओबी पर भी प्रतिबंध इसी समय सीमा तक जारी रहेगा।
संदेश साफ है : किसी बैंक के सीनियर बैंक एक्जीक्यूटिव ने कहा कि रेगुलेटर का संदेश बिल्कुल साफ है। चाहे कोई बड़ा बैंक हो या छोटा, पब्लिक सेक्टर का हो या प्राइवेट सेक्टर का, जवाबदेही होनी चाहिए। बीओबी को वापसी करने के लिए ठोस बदलाव दिखाने होंगे, जिसमें दिन नहीं, बल्कि कई महीने लगेंगे।