अभियाचित के एजेंडे में केवल डामरीकरण सीसी पर चुप्पी साधने पर उठ रहे सवाल

अभियाचित के एजेंडे में केवल डामरीकरण सीसी पर चुप्पी साधने पर उठ रहे सवाल

ग्वालियर। अभियाचित बैठक के एजेंडे में 11वें बिंदु के रूप में डामरीकरण व सड़कों के निर्माण पर चर्चा निर्णय को लेकर सवाल उठ रहे हैं कि आखिर पार्षद केवल डामरीकरण पर क्यों चर्चा करवाना चाहते है। क्या वार्डों में 40 से 50 प्रतिशत बिलो टेंडर पर होने वाले सीमेंट कंक्रीट (सीसी) सड़क के कार्य गुणवत्ता पूर्ण हो रहे हैं या उनमें किसकी भागीदारी है, जिसके चलते पार्षदों को कोई आपत्ति नहीं है?

नगर निगम द्वारा प्रतिवर्ष निगम सीमा वाले 66 वार्डों में लगभग 100 करोड़ से ज्यादा की लागत से सीमेंट कंक्रीट की सड़कें बनवाई जाती हैं और लगभग 40 करोड़ तक के डामरीकरण कार्य भी किए जाते हैं। जानकारों की मानें तो डामरीकरण कार्य के लिए नियमानुसार प्लांट, मशीनरी जुटाने के लिए करोड़ों की राशि लगती है। इसलिए हर कोई डामर का काम नहीं कर पाता है और वर्तमान में भी गिनती के ठेकेदार डामरीकरण का कार्य करते हैं। यही कारण है कि दबाव में न आने वाले ठेकेदारों के कार्यों को लेकर परिषद में चर्चा होगी।

अधिकारियों पर भी दबाव का खेल

सीमेन्ट कंक्रीट कार्य के लिए तकनीकी स्वीकृति व भुगतान के लिए ओके देने वाले अधिकारियों पर पहले से सवाल उठते रहे हैं। लेकिन सेक्शन- भुगतान देने वाले अधिकारियों को लेकर सूत्रों का कहना है कि प्रभार के खेल के चलते परिषद से दबाव बनाकर वार्डों में होने वाले कामों को उपयुक्त बताने का खेल जारी है और उसके लिए गिनती के लोग लगातार दबाव डाल रहे हैं।

सीसी के काम में भागीदारी होने पर उठे सवाल

निगम में सीमेंट कंक्रीट कार्य करने वाले ठेकेदारों की मानें तो सीसी कार्य 40 से 50 प्रतिशत से ज्यादा बिलो रेट पर लिए जा रहे हैं और एसओआर में स्वीकृत दरों से नीचे जाकर ठेकेदार कैसे काम कर रहे हैं, यह क्षेत्रीय पार्षदों को ज्यादा जानकारी है और इसके बाद भी उनकी सीसी के मामले में चुप्पी बनी हुई है। साथ ही वे परिषद में इस पर चर्चा भी नहीं करवाना चाहते हैं, जो उन पर सवाल उठाने के लिए पर्याप्त है।