सीएए लागू करने का केरल और पश्चिम बंगाल में विरोध शुरू
असम सहित पूर्वोत्तर के राज्यों में बड़े पैमाने पर आंदोलन का आव्हान
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के नियमों की अधिसूचना जारी होते ही इसके समर्थन और विरोध में बयान आने लगे हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने एक्स पर लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भारत सरकार के सीएए को लागू करने का निर्णय अभिनंदनीय है। दूसरी ओर, सीएए के नियमों को अधिसूचित किए जाने के बाद असम और पूर्वोत्तर के कई राज्यों में बड़े पैमाने पर आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया गया है। गुवाहाटी में सोमवार की शाम आल असम स्टूडेंट्स यूनियन के कार्यकर्ताओं ने प्रत्येक जिले में सीएए कानून की प्रतिलिपि को जलाकर विरोध जताया। छात्र संगठन ने कल से राज्यभर में आंदोलन शुरू करने की हुंकार भरी है। असम जातीय परिषद ने मंगलवार को लोगों से इस कानून के खिलाफ हड़ताल करने का आह्वान किया है। वहीं दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया में विरोध प्रदर्शन किया गया। उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बंगाल में हम सीएए को लागू नहीं होने देंगे। वहीं, केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि हमारी सरकार कई बार दोहरा चुकी है कि हम सीएए को यहां लागू नहीं होने देंगे। दिल्ली में μलैग मार्च, यूपी में अलर्ट : सीएए का नोटिफिकेशन जारी होते ही नॉर्थ ईस्ट दिल्ली में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। यहां पैरामिलिट्री फोर्स भी तैनात की गई है। वहीं पश्चिमी यूपी में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मेरठ, मुज्जफरनगर सहित विभिन्न जिलों में पुलिस अलर्ट है। संवेदनशील स्थानों पर पैरामिलट्री फोर्स को तैनात किया गया है।
पश्चिम बंगाल के मतुआ समुदाय में खुशी की लहर
कोलकाता। पश्चिम बंगाल के मतुआ समुदाय के एक तबके ने सीएए लागू किए जाने पर संप्रदाय के मुख्यालय में जश्न मनाया। मूल रूप से पूर्वी पाकिस्तान के रहने वाले मतुआ समुदाय के लोग विभाजन और बांग्लादेश के निर्माण के बाद भारत आ गए थे। मतुआ समुदाय को हिंदुओं का कमजोर तबका माना जाता है। राज्य में 30 लाख की आबादी वाला यह समुदाय नादिया और बांग्लादेश की सीमा से सटे उत्तर व दक्षिण 24 परगना जिलों की 30 से अधिक विधानसभा सीटों पर किसी भी राजनीतिक दल की किस्मत का फैसला कर सकता है।