मेयर की 10, सभापति की 09 करोड़ व पार्षदों की एक-एक करोड़ मौलिक निधि का प्रस्ताव

मेयर की 10, सभापति की 09 करोड़ व पार्षदों की एक-एक करोड़ मौलिक निधि का प्रस्ताव

ग्वालियर। नगर निगम के आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट को लेकर 24 जनवरी के दिन महापौर डॉ. शोभा सिकरवार व एमआईसी सदस्यों के साथ स्वच्छ भारत मिशन, जलकर, स्वास्थ्य सहित मौलिक निधि को लेकर चर्चा रखी गई थी। जिसको लेकर जानकारों का कहना है कि बैठक में 66 पार्षदों की मौलिक निधि एक-एक करोड़ करने के साथ-साथ मेयर की 10 करोड़, तो सभापति की निधि 09 करोड़ करने का प्रस्ताव आया है।

इसके अलावा विभागों के बजट में थोड़ा कम ज्यादा कर हरी झड़ी दी गई है। बुधवार को बाल भवन में दोपहर के बाद महापौर की अध्यक्षता वाली एमआईसी सदस्यों के साथ बजट 2024-25 के लिए चर्चा हुई। जिसमें महापौर की वर्तमान निधि को अधिकतम 10 करोड़ तक ले जाने व सभापति की निधि को 05 करोड़ से बढ़ाकर 09 करोड़ करने के अलावा सभी 66 पार्षदों की निधि 45 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ करने पर सहमति दी गई है।

जबकि स्वच्छता सर्वेक्षण कार्यों व पीएचई सहित अन्य विभागों के आगामी कार्यों को देखते हुए निधि को कम ज्यादा कर पुन: स्वीकृति दी गई है। निगम सूत्रों का कहना है कि मौलिक निधि बढ़ाने के मामले में सभी पार्षदों की एक राय है, क्योंकि डेढ़ साल पहले परिषद गठन के साथ ही पार्षदों ने मौलिक निधि एक-एक करोड़ करने की मांग की थी, लेकिन उस समय मौलिक निधि देने पर परिषद की सहमति व चर्चा में 45 लाख पर स्वीकृति हो गई थी और महापौर को 06 करोड़, तो सभापति को 05 करोड़ करने पर सदन के दोनों दलों ने सहमति दी थी।

निगम निधि की जरूरत खत्म करने की तैयारी

वर्तमान में निगम द्वारा अपनी निधि से प्रतिवर्ष 100 करोड़ के विकास कार्य करवाए जाते है। यदि सत्तापक्ष-विपक्ष द्वारा महापौर की 10, सभापति की 09 व पार्षदों की एक-एक करोड़ मौलिक निधि करने के प्रस्ताव को परिषद से स्वीकृति मिलती है, तो सभी की निगम निधि की आवश्यकता पूरी तरह से खत्म हो जाएगी। साथ ही निगम के बजट में लगभग आय के बराबर ही मौलिक निधि के कार्य होंगे।

फिर स्थगित हुई अभियाचित की बैठक, 29 को होगी

बीते दो बार से लगातार स्थगित हो रही निगम परिषद की अभियाचित बैठक एक बार फिर स्थगित हो गई। क्योंकि पूर्व नेता प्रतिपक्ष शम्मी शर्मा व परिषद कर्मचारी मुन्ना खान के आकस्मिक निधन पर शोक प्रस्ताव रखा गया। जिस पर सभापति मनोज तोमर को सर्वसम्मति मिली और शोक प्रस्ताव व चर्चा उपरांत 2 मिनट के मौन के बाद बैठक 29 जनवरी दोपहर 3 बजे तक लिए स्थगित कर दी गई।