कंट्रोल की दुकानों पर मिलेंगे टूथपेस्ट, साबुन व शैम्पू जैसे प्रोडक्ट
इंदौर। करीब चार दशक बाद राज्य सरकार एक बार फिर कंट्रोल दुकानों को बहुउद्देश्यीय मॉडल शॉप के रूप में विकसित करने के प्रयास में जुट गई है। अब कंट्रोल की दुकानों पर किराने का सामान भी कम दाम पर उपलब्ध कराया जाएगा। अब तक इन दुकानों पर गेहूं, चावल, चाय पत्ती और नमक ही दिया जाता था। लेकिन नई व्यवस्था के तहत पोहा, मसाला, टूथपेस्ट, साबुन, शैम्पू जैसे सस्ते आइटम उपभोक्ताओं के लिए रखे जाएंगे। यह शुरुआत इसी माह इंदौर में होने जा रही है। प्लान सक्सेस होता है, तो इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। कंट्रोल दुकानों पर पैकिंग वाले आइटम पोहा, मसाला, टूथपेस्ट, साबुन, शैम्पू जैसे सस्ते आइटम उपभोक्ताओं के लिए रखे जाएंगे। खुला या तौलकर बेचने वाला सामान नहीं रखा जाएगा।
सवा लाख उपभोक्ता : इंदौर शहर में 250 के आसपास कंट्रोल दुकानें हैं। इन दुकानों में करीब सवा लाख से अधिक उपभोक्ता हैं, जिन्हें हर माह सरकार द्वारा तय रेट से से अनाज दिया जा रहा है। इसमें प्रत्येक सदस्य को गेहूं चार किग्रा, चावल एक किग्रा, नमक एक किग्रा और 200 ग्राम चायपत्ती देकर 70 रुपए लिए जाते हैं।
लोकल कंपनियों का माल रखेंगे
क्योंकि कंट्रोल दुकानों पर गरीब वर्ग के लोग आते हैं, इसलिए नामी कंपनियों का माल नहीं रखा जाएगा। लोकल कंपनी के माल को प्राथमिकता देंगे। उस नामी कंपनी का माल भी रख सकते हैं, जो सस्ता माल उपलब्ध कराएगी। इससे लोगों को सस्ते दाम में सामान मिलेगा।
किराना सामान रखने से दुकान की आय में बढ़ोतरी होगी। खुद के खर्च से ही सामान खरीदकर बेचेंगे। सामान रखने के लिए जल्द ही फर्नीचर आदि का काम शुरू किया जाएगा। उपभोक्ताओं को न्यूनतम मार्जिन में सामग्री बेचेंगे। - धर्मेन्द्र मौर्य, संचालक, कंट्रोल दुकान
कंट्रोल दुकानों को बहुउद्देश्यीय मॉडल शॉप बनाने का काम तेजी से किया जा रहा है। कलेक्टर के समक्ष इसे रखा गया है। स्वीकृति मिलते ही शॉप शुरू हो जाएगी। दुकानदारों को ही सामग्री खरीदना होगी। कम मार्जिन में सामग्री बेचने का प्रयास रहेगा। - मोहन मारू, नियंत्रक, खाद्य विभाग