प्रिंस हैरी का फोन किया था हैक, अखबार पर डेढ़ करोड़ का जुर्माना
लंदन कोर्ट ने दिया एमजीएन के खिलाफ फैसला
लंदन। लंदन हाई कोर्ट ने शुक्रवार को प्रिंस हैरी के फोन हैकिंग के आरोपों को लेकर मिरर ग्रुप न्यूजपेपर्स (एमजीएन) के प्रकाशकों के खिलाफ फैसला सुनाया। लंदन हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस बात को माना कि प्रिंस हैरी का फोन हैक हुआ था। कोर्ट ने यह भी माना कि न्यूज पेपर के पब्लिशर ने गैरकानूनी तरीकों से उनके जीवन से जुड़ी जानकारियां हासिल की थीं। मामले में न्यायाधीश ने ड्यूक आॅफ ससेक्स का फोन हैक करने वाले प्रकाशकों को उन्हें (हैरी को) 140,600 पाउंड (1.48 करोड़ रुपए) देने के लिए कहा है। कोर्ट ने यह भी माना कि प्रिंस हैरी का फोन 2006 से 2011 तक मिरर ग्रुप न्यूजपेपर्स (एमजीएन) ने हैक किया था। जस्टिस फैनकोर्ट ने फैसला सुनाया कि प्रकाशकों ने प्रिंस हैरी के बारे में पब्लिश 15 कहानियों के लिए फोन हैकिंग और अन्य जानकारी हासिल करने के लिए गलत तरीकों का इस्तेमाल किया था। कोर्ट में कुल 33 आर्टिकल पेश किए गए थे।
पत्रकारों ने 15 साल तक निजी जानकारियां इकट्ठा कीं
गौरतलब है कि ड्यूक आॅफ ससेक्स समेत तीन अन्य दावेदारों ने द डेली मिरर, द संडे मिरर और संडे पीपल प्रकाशित करने वाले ब्रिटिश अखबार समूह पर मुकदमा दायर किया था, जिसमें आरोप लगाया गया कि प्रकाशक के पत्रकारों ने उनका फोन हैक कर लिया और लगभग 15 साल से अधिक समय से उनके जीवन के बारे में जानकारी इकट्ठा करने के लिए अन्य अवैध तरीकों का इस्तेमाल किया।
गवाही देने वाले पहले सदस्य
इस केस की वजह से प्रिंस हैरी 130 साल में ब्रिटिश शाही परिवार के पहले ऐसे सदस्य बने, जो कोर्ट में गवाही देने के लिए पेश हुए। बता दें, प्रिंस हैरी ने समाचार पत्र पर अपने खिलाफ नफरत फैलाने का आरोप लगाया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि समाचार पत्रों ने उन्हें ड्रग लेने वाले व्यक्ति के रूप में पेश किया।