कांग्रेस पार्षदों द्वारा संशोधन लगाने के खुलासे पर बना दबाव, वापस लेने पहुंचे

कांग्रेस पार्षदों द्वारा संशोधन लगाने के खुलासे पर बना दबाव, वापस लेने पहुंचे

ग्वालियर।  निगम परिषद की सत्ता में पहुंची महापौर शोभा सिकरवार द्वारा पेश बजट में कांग्रेस पार्षदों के ही संशोधन लगाने पर हंगामा मचा हुआ है। यही कारण है कि संगठन की ओर से दबाव बनने पर कांग्रेस पार्षद मनोज राजपूत ने सभापति मनोज तोमर के पास पहुंचकर अपने संशोधन पत्र वापस करने की मांग की। हालांकि सचिव ब्रजेश श्रीवास्तव ने उन्हें विधिक प्रक्रिया का पालन करने को कह दिया है।

वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए नगर निगम की महापौर शोभा सिकरवार द्वारा 21 मार्च को 21.28 अरब रुपए का बजट पेश किया था। जिसमें सभापति ने बजट प्रस्ताव प्रस्तुत होने के बाद पार्षदों को अपने संशोधन प्रस्ताव 25 मार्च तक देने व 28 मार्च को परिषद बैठक चर्चा के लिए निर्धारित की थी। इसी के चलते वार्ड क्रमांक 05 के कांग्रेस पार्षद मनोज राजपूत ने पार्षदों की मौलिक निधि 19.80 करोड़ रुपए बताने के हिसाब से 30 लाख प्रति पार्षद का आकलन कर उसे 60 लाख करने, विज्ञापन प्रचार प्रसार पर 9 करोड़ तीन लाख की राशि के प्रस्ताव को फिजूलखर्च बताते हुए निरस्त करने, वित्तीय वर्ष यात्रा व वाहन के लिए 28.26 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को खत्म कर केवल वाहन के लिए राशि रखने व कोड नंबर 2208000 व अन्य प्रशासनिक व्यय के मद में भ्रष्टाचार की झलक दिखने के बाद उसे समाप्त करने सहित कुल 4 संशोधन लगाए हैं। जबकि वार्ड 46 के पार्षद अंकित कट्ठल ने अपनी ओर से एक संशोधन प्रस्ताव पेश किया है।

आवेदन के बाद मिलेंगे कांग्रेस पार्षदों के संशोधन पत्र

कांग्रेस पार्षद मनोज राजपूत द्वारा परिषद के सचिव ब्रजेश श्रीवास्तव से अपने द्वारा लगाए 4 संशोधन पत्रों को वापस मांगा, लेकिन सचिव ने पहले उन्हें विधिवत आवेदन देने व सभापति से सहमति लेने के बाद ही पत्र वापसी की प्रोसेस समझा दी। जिसके बाद कांग्रेसी पार्षद वापस लौट आए। जानकारों का कहना है कि कांग्रेस पार्षद सदन की बैठक में संशोधन प्रस्ताव पटल पर आने से पहले वापस मांग सकते हैं।

भाजपा पार्षद बनाते दिखे संशोधन की रणनीति

25 मार्च तक संशोधन लगाने के अंतिम दिन होने के चलते भाजपा पार्षद परिषद कार्यालय में नेता प्रतिपक्ष हरिपाल के साथ बैठकर रणनीति बनाते हुए दिखे। क्योंकि 24 मार्च की शाम तक भाजपा के किसी भी पार्षद की ओर से एक भी बजट संशोधन पत्र नहीं लगाया गया है और शनिवार को ही संशोधन पत्र लगाए जाएंगे।

दबाव आते ही संशोधन वापस मांगने पहुंचे मनोज राजपूत

कांग्रेस सत्ता वाली निगम परिषद में महापौर व पार्टी संगठन से चर्चा किए बिना पार्षद मनोज राजपूत ने संशोधन पेश किया है, जिसका खुलासा होते ही पार्षद मनोज राजपूत निगम परिषद में बैठे सभापति मनोज राजपूत के पास अपना संशोधन पत्र वापस मांगने पहुंचे, वहां सभापति ने परिषद सचिव से चर्चा के लिए उन्हें कहा है।

संशोधन लगते ही कांग्रेस पार्षद दल की बैठक बुलाई, फूटा गुस्सा

कांग्रेस सत्ता वाली निगम परिषद में महापौर शोभा सिकरवार द्वारा बजट पेश करने के बाद अपने ही दल के पार्षदों द्वारा संशोधन प्रस्ताव लगाने के बाद हंगामा मचा हुआ है। जिसको लेकर कांग्रेस पार्षद की बैठक बुलाई गई। जिसमें कांग्रेस पार्षदों ने अपनी उपेक्षा व बीते आठ महीने में जनता के लिए काम न होने का रोना रोया। हालांकि बैठक में नाराज पार्षदों को पार्टी के जिलाध्यक्ष देवेन्द्र शर्मा व पूर्व पार्षद आनन्द शर्मा ने यह कहकर शांत करवा दिया कि आगे से पार्षदों के साथ संगठन स्तर पर हर महीने एक बैठक आयोजित की जाएगी। जिसमें पार्षदों के कामों व सत्ता में बैठे अपने प्रतिनिधियों द्वारा तवज्जो देने के संबंध में पूछताछ हुआ करेगी। वहीं विकास कार्यों के संबंध में निगम प्रशासन के सबसे बड़े अधिकारी निगमायुक्त से भी हर महीने बैठक तय होगी।

कांग्रेस पार्षदों की बैठक ली थी। पार्षदों ने बजट प्रस्ताव में लगाए गए आरोप वापस हो जाएंगे। हर माह पार्षदों की बैठक होगी इन बैठकों में महापौर से समन्वय बिठाने के लिए कहा जाएगा। -देवेन्द्र शर्मा, जिलाध्यक्ष कांग्रेस