दुर्गोत्सव की तैयारियां शुरू रात में तैयार हो रहे पंडाल
जबलपुर। नवरात्र पर्व के लिए अब एक सप्ताह का भी समय नहीं बचा है। ऐसे में प्रमुख पंडालों के निर्माण ने गति पकड़ ली है। झाकियों, ऐतिहासिक भवनों आदि की तैयारी गणेशोत्सव के बाद से ही शुरू हो गई थी। इस बार शहर के मुख्य दुर्गोत्सव समितियों में जो प्रतिकृतियां बनाईं जा रहीं हैं, वो आकर्षण का केन्द्र रहेंगी। प्रमुख स्थलों पर दर्शनार्थियों की सुविधा को देखते हुए पार्किंग के साथ प्रवेश और निषेध की अलग-अलग व्यवस्था की जा रही है। उल्लेखनीय है कि नगर के मुख्य पंडालों में बैठकी के साथ ही माता की प्रतिमाएं विराजमान हो जाती हैं। इनमें सुनरहाई, नुनहाई, गढ़ाफाटक की माता महाकाली, महाकाली परिवार छोटी बजरिया, समेत 2 दर्जन से अधिक पंडालों में पहले ही दिन प्रतिमाएं विराजमान हो जाती हैं। इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिन की रहने से श्रद्धालु मां की भक्ति में लीन रहेंगे।
खास है अक्टूबर माह
ये पहला ऐसा महीना है जिसमें धरती पर रह चुके इंसानों के अलावा ऊपर रहने वाले देवी-देवताओं की उपासना- पूजा होती है। देह में रहने वाली आत्माएं जब देह छोड़ती हैं, तो पितर के रूप में पूजी जाती हैं। वहीं जो देवात्माएं देह में नहीं आतीं, उनकी पूजाअर्चना और साधना के भी अलग-अलग अनुष्ठान होते हैं। अभी सब जगह पितर श्राद्ध की धूम है। पितर समाप्त होते ही देवी अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे।
भीड़ के लिए भी है पहचान
अक्टूबर माह के त्यौहार भीड़ को लेकर भी पहचाने जाते हैं। इस माह पड़ने वाला दशहरा पूरे देश में भीड़ के लिए जाना जाता है। संस्कारधानी के दशहरे की अलग पहचान है। इसके अलावा जहां-तहां होने वाली रामलीलाओं के मंचन में भी भारी भीड़ उमड़ती है। मंदिरों में भी भारी भीड़ होती है तो वहीं झांकियों में भी मैया के दर्शन को लेकर लोग पहुंचते हैं। दशहरा के बाद शरद पूर्णिमा की रात तो मानो भीड़ उत्सव मनाती है। फिर भले ये भीड़ परिजनों की हो या शहर भर की।
जोर-शोर से हो रहीं तैयारियां
अक्टूर के पर्वों की तैयारी जोर-शोर से हो रहीं हैं। दुर्गा पंडालों में अभी से तैयारी शुरू कर दीं गईं हैं। वहीं रामलीलाओं के अभ्यास शुरू हो गए हैं। गोविंद गंज रामलीला समिति के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने बताया कि अक्टूबर का माह हमारे लिए उत्सव का माह होता है। हमारे लोग दो महीने पहले से तैयारी करते हैं। गढ़ा के अशोक मनोध्या ने बताया कि इस बार बहुत कुछनया देने के लिए कलाकार तैयारी कर रहे हैं। खेरमाई के शरद अग्रवाल ने बताया कि इस बार करीब दो लाख श्रद्धालु मंदिर पहुंचने का अनुमान है।