भारी वाहनों पर रजिस्ट्रेशन फीस 3% घटाने की तैयारी, बढ़ेगा खजाना
भोपाल। प्रदेश में भारी वाहनों (ट्रक, बस, डंपर, क्रेन और ट्राला) के आरटीओ रजिस्ट्रेशन पर सरकार बड़ी राहत देने की तैयारी में है। सरकार ऐसे वाहनों का रजिस्ट्रेशन फीस तीन फीसदी तक कम करने जा रही है। इससे वाहन मालिकों को प्रति वाहन रजिस्ट्रेशन में वर्तमान फीस से करीब एक से डेढ़ लाख रुपए की बचत होगी। वहीं सरकार के खजाने में हर साल सौ करोड़ रुपए से अधिक राशि जमा होगी। इतना ही नहीं, प्रदेश के आसपास राज्यों से भी लोग अपने वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराने मध्यप्रदेश आ सकेंगे।
दरअसल, मध्यप्रदेश में भारी वाहनों का आरटीओ रजिस्ट्रेशन शुल्क वाहन की कुल कीमत पर 8 प्रतिशत है। जबकि प्रदेश से सटे राज्य महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़ और राजस्थान सहित अन्य राज्यों में शुल्क 8 प्रतिशत से कम है। इन राज्यों में शुल्क 4 से 7 फीसदी तक है। इस कारण मध्यप्रदेश के लोग ट्रक, बस, डंपर, ट्राला, क्रेन और डिलेवरी वाहनों सहित अन्य भारी वाहन अन्य राज्यों में खरीदते हैं और वहीं आरटीओ में रजिस्ट्रेशन कराते हैं। इसके साथ ही वाहनों का रिन्यूवल भी उन्हीं राज्यों में कराया जाता है। इसके चलते प्रदेश का पैसा दूसरे राज्यों में चला जाता है। सरकार को जीएसटी का फायदा भी नहीं मिलता है और रजिस्ट्रेशन फीस की राशि भी प्रदेश के खाते में नहीं आती है। इससे प्रदेश को प्रति वर्ष करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है।
प्रदेश में वाहनों के घटते पंजीयन पर मंथन : हाल ही में प्रदेश में घटते वाहनों के रजिस्ट्रेशन को लेकर परिवहन विभाग की एक बैठक हुई थी, इसमें यह बात सामने आई है कि रजिस्ट्रेशन कम होने की मुख्य वजह फीस ज्यादा होना है।
टूरिस्ट वाहनों को भी मिलेगी राहत : टूरिस्ट वाहनों को भी रजिस्ट्रेशन फीस में बड़ी राहत देने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए प्रदेश और अन्य राज्यों में टूरिस्ट कार्यों में रजिस्टर्ड वाहनों का आकलन किया जा रहा है। बताया जाता है कि भारी वाहनों जैसे इन वाहनों की भी स्थिति है। प्रदेश में टूरिस्ट वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराने पर प्रति माह प्रति सीट 700 रुपए फीस ली जाती है। जबकि दूसरे राज्यों में यह फीस 200 से 300 रुपए प्रतिमाह प्रति सीट हैं। सूत्रों के अनुसार प्रदेश में ये फीस घटाकर 200 रुपए प्रति माह करने की तैयारी की जा रही है। इससे प्रदेश में टूरिज्म ट्रैवल्स को बढ़ावा मिलेगा। वहीं इससे सरकार को प्रति वर्ष करीब 60 से 70 करोड़ रुपए प्रति वर्ष मिलने की संभावना है।
रजिस्ट्रेशन फीस को लेकर अन्य राज्यों का अध्ययन किया
कुछ वाहनों की रजिस्ट्रेशन फीस रिवाइज होगी। अन्य राज्यों की तुलना में यहां रजिस्ट्रेशन फीस अधिक है। रजिस्ट्रेशन फीस के संबंध में कुछ राज्यों का अध्ययन किया जा रहा है। सुखबीर सिंह,प्रमुख सचिव, परिवहन विभाग मप्र
सरकार को रजिस्ट्रेशन फीस कम करने के लिए पत्र लिखा
प्रदेश के भारी वाहनों का ज्यादातर रजिस्ट्रेशन नागालैंड और हरियाणा में हो रहा है, क्योंकि यहां रजिस्ट्रेशन फीस चार फीसदी के आस पास है। केंद्रीय ट्रांसपोर्ट महासभा ने प्रदेश सरकार को रजिस्ट्रेशन फीस कम करने के लिए पत्र लिखा है। अजय शर्मा,अध्यक्ष, केंद्रीय ट्रांसपोर्ट महासभा