नौरादेही में 400 करोड़ से 6 गांवों के विस्थापन की तैयारी
जबलपुर। प्रदेश के दमोह जिले में नौरादेही अभयारण को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए इसके कोर जोन के लिए क्षेत्रफल विस्तार की प्रक्रिया चल रही है। इसमें कोर जोन की सीमा में आने वाले 90 गांवों में से 6 गांवों के रहवासियों के आवेदन आने के बाद इन्हें विस्थापित किए जाने के लिए 400 करोड़ रुपए की राशि बांटी जानी है। इतनी बड़ी राशि के लिए नौरादेही अभयारण्य प्रबंधन अब शासन से बजट मिलने का इंतजार कर रहा है।
अब तक 26 गांव हुए अभयारण्य से बाहर
मिली जानकारी के मुताबिक नौरादेही अभयारण्य को टाइगर रिजर्व बनाने के लिए चल रही विस्थापन की प्रक्रिया वर्ष 2011 से चल रही है अब तक 26 गांवों को अभयारण से विस्थापित किया जा चुका है।
कुल 90 गांव होने है विस्थापित
टाइगर रिजर्व के लिए सेंचुरी के विस्तार की जरूरत है ऐसे में सेंचुरी के आसपास के कुल 90 गांवों को विस्थापन किए जाने का लक्ष्य रखा है। इसमें करोड़ों रुपए का बजट हर साल वन विभाग को दिया जाएगा।
एक यूनिट को मिलेंगे 15 लाख रुपए
वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो विस्थापित हो रहे एक परिवार को 15 लाख रुपए की राशि दी जाएगी। इसमें यदि पिता-पुत्र और उसका परिवार अलग-अलग है तो उन्हें दो यूनिट में गिना जाएगा।
ये 6 गांव होंगे विस्थापित
नौरादेही अभयारण के कोर जोन सीमा में आने वाले तीन जिलों के 6 गांवों को विस्थापित किया जाना है उनमें नरसिंहपुर के पटना मोहली, घाना व मलकुटी, सागर जिले का खपरा खेड़ा, सर्राबरई, दमोह जिले का मुनाली खेडा के आवेदन वन विभाग के पास पहुंचे हैं।
नौरादेही के विस्तार के लिए 6 और गांवों के विस्थापन के लिए आवेदन प्राप्त हो गए हैं। इसके लिए करीब 400 करोड़ रुपए की राशि ग्रामीणों को आवंटित होनी है। बजट आते ही प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। -ए. अंसारी, डीएफओ नौरादेही अभयारण