प्रारंभिक जांच में फॉरेन फंडिंग की बात सामने आई, रूम भी हॉस्टल जैसे नहीं मिले
भोपाल। परवलिया सड़क थाना क्षेत्र स्थित तारासेवनिया में अवैध रूप से बाल गृह (आंचल चिल्ड्रन होम) संचालित करने की जांच के लिए कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने रविवार को तीन कमेटियां बनार्इं। कमेटियों ने जांच शुरू कर दी है। एडीएम हरेंद्र नारायण की अध्यक्षता में बनी कमेटी रविवार को बाल गृह पहुंची और सिस्टर, अन्य लोगों से पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक,प्रारंभिक जांच में संस्था की करीब दो करोड़ की लागत से बनी बिल्डिंग में फॉरेन फंडिंग की बात सामने आ रही है। संस्था ने टैक्स भी जमा नहीं किया है। यहां हॉस्टल जैसे रूम नहीं बने हैं। बड़े-बडेÞ हाल हैं, जिनमें छह-छह पलंग लगाए गए हैं। हॉस्टल बगैर मान्यता के चल रहा था। यह भी सामने आया कि संस्था द्वारा अयोध्या नगर सहित शहर में अन्य जगहों पर भी हॉस्टल संचालित किए जा रहे हैं, जिनकी जांच होगी। कमेटी ने यहां की उन बच्चियों से बात की जिन्हें अन्य बालगृह में शिμट किया गया है। हालांकि इस बारे में कलेक्टर कौशलेंद्र सिंह से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद ही सब कुछ स्पष्ट होगा।
घेरे में आए अधिकारी को जांच कमेटी में किया शामिल
इधर, कलेक्टर द्वारा बनाई गई एक कमेटी मेें जिला महिला बाल विकास अधिकारी सुनील सोलंकी को भी शामिल किया गया है। जबकि, अवैध बाल गृह संचालन के मामले में एक दिन पहले ही संभागायुक्त ने उन्हें नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
यह बनी कमेटियां कमेटी नंबर 1: एडीएम उत्तर हरेंद्र नारायण की अध्यक्षता में छह सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। इसमें एसडीएम कोलार आशुतोष शर्मा, सामाजिक न्याय विभाग के संयुक्त संचालक आरके सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास सुनील सोलंकी, डीईओ अंजनी कुमार त्रिपाठी और एसडीओपी र्इंटखेड़ी मंजू चौहान शामिल हैं। यह कमेटी इस बात की भी जांच करेगी कि बालगृह वीरान जगह पर क्यों संचालित किया जा रहा था।
कमेटी नंबर 2: एसडीएम हुजूर आशुतोष शर्मा को बालगृह की बिल्डिंग परमिशन और अवैध निर्माण की जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कमेटी नंबर 3: एडीएम अंकिता धाकरे, वरिष्ठ कोषालय अधिकारी विक्रम छिरोलिया और जिला अग्रणी प्रबंधक राजगोपाल अयंगर को इस कमेटी में शामिल किया गया है। यह कमेटी संस्था से संबंधित आय-व्यय, खाते एवं अवैधानिक फॉरेन फंडिंग की जांच करेगी। कमेटी उस बैंक में जाएगी, जहां संस्था के खाते हैं।
जांच के लिए तीन कमेटियां बनाई गई हैं, जो तीन-चार दिनों में जांच कर रिपोर्ट सौंप देंगी। आज यहां की उन लड़कियों से बातचीत की गई है, जिन्हें दूसरी जगह शिμट किया गया है। उनसे पूछा गया है कि संस्था में उन्हें कोई दिक्कत तो नहीं हो रही थी। इस मामले में घेरे में आए सुनील सोलंकी को जांच टीम में शामिल करने का सवाल है, तो इसे दिखवाता हूं। - कौशलेंद्र सिंह, कलेक्टर, भोपाल
इधर, बाल गृह का संचालक मैथ्यू अरेस्ट, कोर्ट ने भेजा जेल
अवैध रूप से बाल गृह (आंचल चिल्ड्रन होम) के संचालक को पुलिस ने गिरμतार कर लिया है। रविवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। एसपी देहात प्रमोद कुमार सिन्हा ने बताया कि आरोपी संचालक अनिल मैथ्यू की गिरμतारी के लिए एक विशेष टीम बनाई थी। थाना प्रभारी हरिशंकर वर्मा ने बताया कि फरियादी रामगोपाल यादव, जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं बाल संरक्षण अधिकारी, महिला एवं बाल विकास भोपाल द्वारा एक शिकायती आवेदन दिया गया था।
मिली थीं खामियां
राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो और अन्य अधिकारियों ने 4 जनवरी को इस बालगृह का औचक निरीक्षण किया था। यह संस्था नियम विरुद्ध और अवैध रूप से संचालित पाई गई थी। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने संस्था के संचालक अनिल मैथ्यु के खिलाफ जेजे एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। यहां से रेस्क्यू की गर्इं 41 बच्चियों को नित्यसेवा सोसायटी गांधीनगर, शासकीय बालगृह नेहरू नगर, बाल निकेतन ट्रस्ट हमीदिया रोड में रखा है।