कैनवास पर पहाड़, झरने, वन के साथ पोट्रेट और राधा-कृष्ण की जोड़ी
स्वराज भवन में तीन दिवसीय चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। 22 महिला चित्रकारों की 44 पेंटिंग्स से सजी इस प्रदर्शनी में 25 से लेकर करीब 70 वर्ष की महिलाओं ने कलाकारी के एक से बढ़कर एक नमूने पेश किए। चित्रकारों ने अपनी-अपनी कल्पनाओं को रंग देते हुए आॅयल पेंटिंग, एक्रेलिक पेंटिंग एवं मंडला आर्ट में पहाड़ों, झरनों एवं वनों के साथ पोट्रेट एवं राधाकृष्ण की जोड़ी समेत कई विषयों को कैनवास पर उतारा।
मंडला आर्ट में कॉस्मिक जर्नी को दिखाया
समाज सेविका प्रतिभा घुषे ने मंडला आर्ट में अपनी कॉस्मिक जर्नी को दिखाया है। पेंटिंग में एक ओर जहां ब्रह्मांड और उनसे निकलती हुई सकारात्मक ऊर्जा की किरणों को दिखाया, तो वहीं दूसरे छोर पर खुद उसे एहसास करती दिखाई देती हैं। हर तरंग का अलग रंग नजर आता है। दूसरी पेंटिंग जीवन के अनुभवों और शिक्षा पर आधारित है। इसमें छात्र और शिक्षक के जीवन और उनका अटूट संबंध प्रतिपादित होता है।
चित्रों में बयां की प्रकृति की खूबसूरती
आर्टिस्ट नीलमा श्रीवास्तव ने बताया कि नेचर से काफी लगाव है। जब उसके साथ समय बिताते हैं तो पेंटिंग तैयार करने के लिए तमाम आइडिया दिमाग में आने लगते हैं। इस एग्जीबिशन के लिए पेंटिंग तैयार की है वह गोंड आर्ट और जनजातीय लोगों की परंपराओं से प्रेरित होकर बनाई है। जिसमें हिरन, हाथी, तोते, फूल-पत्ती और नेचर को शामिल कर आध्यात्मिकता से कनेक्ट किया है।
ट्रेडिशनल आर्ट फॉर्म्स में करती हूं काम
आर्टिस्ट अंजना पेठिया ट्रेडिशनल आर्ट फॉर्म्स पर काम करती हैं। इस एग्जीबिशन में उन्होंने ब्राइट कलर्स के साथ वरली आर्ट पर काम किया है। इसके साथ ही 9 म्यूजिकल इंस्ट्रुमेंट्स की ‘द म्यूजिकल सागा...’ नाम की पेंटिंग सीरीज भी डिसप्ले की है। इसमें बांसुरी, मृदंग, गिटार जैसे वाद्य यंत्रों को ट्रेडिशन फॉर्म में बनाया है।