बदहाल व्यवस्था, स्ट्रेचर नहीं मिलने से भड़के अटेंडर, स्टाफ से हुआ विवाद
ग्वालियर। अस्पताल पहुंचते ही सीरियस मरीज की पहली जरूरत होती है स्ट्रेचर, लेकिन 400 करोड़ों रुपए की लागत से बने अस्पताल में आने वाले मरीज स्ट्रेचर जैसी सुविधा के लिए हर रोज जंग लड़ते हैं। स्ट्रेचर को लेकर अब झगड़े तक शुरू हो गए हैं। भले ही प्रबंधन के अधिकारी कुछ स्ट्रेचर होने का दावा कर रहे हों, लेकिन यह अस्पताल में नजर ही नहीं आती हैं। बुधवार को ओपीडी के दौरान देखने को मिला गंभीर मरीज को ऑटो में डालकर लाए मरीज के परिजनों सहित ऑटो ड्राइवर काफी देर तक इधर-उधर स्ट्रेचर ढूंढते रहे, लेकिन उन्हें स्ट्रेचर नहीं मिला, इसी बीच वहां खड़े स्टाफ के लोगों ने उन्होंने जब स्ट्रेचर की मांग की तो दोनों के बीच विवाद बढ़ गया है, हाथापाई तक की नौबत आ गई।
इस सब मशक्कत के बाद मरीज को स्ट्रेचर नसीब नहीं हुआ, मजबूरी में वह मरीज को टांगकर अंदर ले गए। यह एक अकेला मामला ऐसा नहीं था बुधवार को ऐसे तमाम केस नजर आए। मजे की बात देखिए प्रबंधन के बड़े अधिकारी स्ट्रेचर होने का दावा कर रहे हैं अब सवाल यह उठता है स्ट्रेचर है तो वह कहां गुम हो गर्इं। वहीं एक हजार बिस्तर के अस्पताल से व्हील चेयर भी गायब हो चुके हैं। वहीं स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में बुधवार को दो मरीज डेंगू संक्रमित निकले।
मरीजों की मांग जिम्मेदारों के नंबर हों चस्पा
इस अस्पताल में आने वाले मरीज केवल स्ट्रेचर ही नहीं बल्कि अन्य सुविधाओं के लिए परेशान हो रहे हैं। इसी के चलते अब वह कहते हुए नजर आते हैं कोई जिम्मेदार अधिकारी का नंबर मिल जाए तो हम उससे अपनी व्यवस्था से अवगत करा सकें। इसी के चलते लोग यह चर्चा कर रहे हैं कि अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारियों केनाम के साथ नंबर भी अस्पताल के विभिन्न हिस्सों में चस्पा किए जाने चाहिए।
स्ट्रेचर बॉय की भर्ती, लेकिन नहीं आते नजर
हजार बिस्तर के अस्पताल के शुभारंभ से पहले प्रबंधन ने स्टाफ की कमी का रोना रोया था, इसके बाद अन्य स्टाफ की तरह स्ट्रेचर बॉय की नियुक्ति प्रबंधन ने आउटसोर्स के माध्यम से की थी, जिससे मरीज के अटेंडरों को स्ट्रेचर नहीं खींचना पड़े, लेकिन ना तो स्ट्रेचर नजर आती हैं और ना ही यह स्ट्रेचर बॉय। मजबूरी में मरीज के परिजनों को स्ट्रेचर ढकेलना पड़ती है। कहने को तो बड़े अस्पताल में 22 स्ट्रेचर है, लेकिन यह कहां गुम हो गई हैं प्रबंधन को भी समझ नहीं आ रहा है।