दिवाली पर आतिशबाजी से ग्वालियर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक, एक्यूआई पहुंचा 384 पर

दिवाली पर आतिशबाजी से ग्वालियर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक, एक्यूआई पहुंचा 384 पर

ग्वालियर। दिवाली की रात जमकर हुई आतिशबाजी और पटाखों के धुएं से शहर में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। ग्वालियर में एक्यूआई लेवल काफी उच्च स्तर पर जा पहुंचा, आंकड़ों की माने तो शहर का हृदय स्थल महाराज बाड़ा ग्वालियर में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में सबसे अधिक प्रदूषित रहा। यहां पर एक्यूआई लेवल 384 दर्ज किया गया। वहीं प्रदेश के अन्य शहरों की बात की जाए तो भोपाल में रविवार शाम 6.30 बजे से पहले शहर में पीएम 10 का स्तर 120 था, जो चार घंटे में चार गुना बढ़कर 766 तक पहुंच गया। यही नहीं, सोमवार सुबह 4.30 बजे हवा में पीएम 10 की वैल्यू बढ़कर 846 के खतरनाक स्तर तक पहुंच गई। मालूम हो कि हवा में पीएम 10 की सामान्य वैल्यू 100 होती है।

प्रदूषण का यह स्तर पिछली दीपावली की तुलना में डेढ़ गुना ज्यादा था। रविवार रात को भोपाल में एयर क्वालिटी इंडेक्स 353 रिकॉर्ड हुआ। मप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एमपीपीसीबी) के टीटी नगर स्थित लाइव पॉल्युशन मॉनिटरिंग स्टेशन की डेटा रिपोर्ट के अनुसार, रविवार रात 8.30 बजे से सोमवार सुबह 4.30 बजे के बीच शहर में प्रदूषण का स्तर सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ा।

ग्वालियर में AQI लेवल पहुंचा 384 पर

मप्र प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के डेटा के अनुसार, दीपावली की रात ग्वालियर में 384 तक पहुंच गया। वहीं दूसरी ओर प्रदेश के इंदौर में 335 और जबलपुर 330 दर्ज किया गया। 2022 में दिवाली के एक दिन बाद एक्यूआई भोपाल में 334, ग्वालियर में 316, जबलपुर में 309 और इंदौर में 262 दर्ज किया गया था।

वायु प्रदूषण से इन समस्याओं का खतरा

  • आंख, कान, गला व त्वचा में जलन। 
  • खराश, खांसी, सांस में दिक्कत। 
  • छाती में दबाव महसूस, दर्द होना। 
  • सिर दर्द, चक्कर आना। 
  • हाथ-पैरों में शिथिलता। 
  • लोअर रेस्पिरेटरी ट्रेक्ट इंफेक्शन, सीओपीडी, सेरेब्रोवास्कुलर स्ट्रोक, ब्रॉनकाइटिस जैसी समस्याए।

प्रदूषण की वजह से आंख, नाक और गले की समस्याएं हो सकती हैं। पटाखों का धुआं सर्दीजुका म और एलर्जी का कारण बन सकता है। इस कारण छाती व गले में कन्जेशन भी हो सकता है। ज्यादातर लोग एक-दो दिन में अपने आप ही ठीक हो जाएंगे, लेकिन सावधानी जरूरी है। - डॉ. पराग शर्मा, श्वांस रोग विशेषज्ञ, रीजनल रेस्पीरेटरी इंस्टीट्यूट