बच्चों की जान से खिलवाड़, कहीं टूटी छत के नीचे पढ़ाई तो कहीं गर्मी में चढ़ाया जा रहा ब्लड
ग्वालियर। मुरार ग्रामीण में एक स्कूल ऐसा भी है, जहां के बच्चों ने मौत के खौफ के कारण स्कूल जाना ही बंद कर दिया है। इनके अभिभावक भी इन्हें स्कूल भेजना नहीं चाहते हैं, क्योंकि स्कूल भवन जर्जर हो सकता है और कभी भी गिर सकता है। मुरार ग्रामीण में स्थित माध्यमिक विद्यालय सिरौली में 6वीं से 8वीं तक 53 बच्चे अध्ययनरत हैं। स्कूल का भवन पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है, छत का बीम और दीवारें चटक चुकी हैं, बारिश होने पर छत से पानी टपकता है।
भवन कब गिर जाए, कोई भरोसा नहीं है। मगर इसके बाद भी मौत के साए में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। प्रधानाचार्य बोहरन सिंह बघेल कोरोना काल से ही भवन को रिपेयर कराने के लिए शिक्षा विभाग को लेटर लिख चुके हैं, मगर अधिकारी शायद किसी हादसे का इंतजार कर रहे हैं। स्कूल के जर्जर भवन की सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज हो चुकी है।
मुरार ग्रामीण के बीआरसीसी हर्षचरण शाक्य से स्कूल के भवन को लेकर बात की तो उनका कहना था कि उपयंत्री से स्कूल को रिपेयर करने के लिए एस्टीमेट ले लिया है जो कि 3 लाख रुपए है। एस्टीमेंट एप्रूव होते ही रिपेयरिंग का काम शुरू करा दिया जाएगा।
स्कूल की जानकारी लेता हूं और बच्चों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा। -रविंद्र तोमर,डीपीसी