आर्टरीज में जमा मैल बढ़ाता है हार्ट अटैक का जोखिम
कोविड संक्रमितों को लेकर न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी ने किया शोध
न्यूयॉर्क। न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स का कहना है कि कोविड-19 के वायरस से संक्रमित होने के बाद हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक का जोखिम वसीय मैल में इम्यून रिस्पांस बढ़ जाने के कारण होता है। यह मैल आर्टरीज (धमनी) में जमा वसा का संग्रह होती है, जोकि समय के साथ ढेर के रूप में इकट्ठी हो जाती है। इसके कारण रक्त प्रवाह घट जाता है तथा कोरोनरी हार्ट डिजीज व ऐथिरोस्क्लेरोसिस जैसी कई जटिलताएं पैदा हो जाती हैं। महामारी के बाद हेल्थ रिसर्चर्स कोविड-19 एवं हृदय से जुड़ी कई अन्य समस्याओं जैसे मायोकार्डिटिस एवं पेरीकार्डिटिस के बीच संबंध होने तथा संक्रमित होने के एक साल बाद तक हार्ट अटैक एवं स्ट्रोक का जोखिम बढ़ने की चेतावनी दे चुके हैं।
हाई बीपी समेत हार्ट से जुड़ी बीमारी से पीड़ित थे मृत मरीज
न्यूयॉर्क के ग्रॉसमैन स्कूल आॅफ मेडिसीन के रिसर्चर्स को अब यह पता चला है कि कोविड-19 के कुछ निश्चित मरीजों में यह जोखिम कैसे बढ़ता है। हालांकि उनके रिसर्च में न्यूयॉर्क में मई 2020-21 में फैले सार्स-कोव-2 से संक्रमित मरीजों का ही अध्ययन किया गया है। इस अध्ययन के तहत रिसर्चर्स ने महामारी के पहले वर्ष में कोविड-19 के गंभीर संक्रमण के कारण मृत 8 मरीजों की आर्टरीज से ऊतकों के नमूने लिए। ये मरीज पहले से ही ह्दय संबंधी बीमारियों तथा हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं से पीड़ित थे।
वायरल इंफेक्शन का पता लगाने एआई का प्रयोग
रिसर्चर्स ने वायरल इन्फेक्शन की साइट का पता लगाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस प्रोग्राम तथा माइक्रोस्कोप विश्लेषण का उपयोग किया। इसमें रिसर्चर्स ने यह पाया कि वायरस ने धमनी से संबंधित कोशिकाओं तथा हार्ट में जमा अतिरिक्त मैल की सुरक्षा करने में संलग्न व्हाइट ब्लड सेल्स दोनों को संक्रमित किया। मैल की सुरक्षा करने वाली व्हाइट ब्लड सेल्स ने अन्य कोशिकाओं की अपेक्षा वायरस को अपनी ओर ज्यादा आकर्षित किया। जब वसा से लदी व्हाइट ब्लड सेल्स को अपना काम करने में कठिनाई हुई तो वहां और अधिक मैल बनने के जोखिम ने कोविड-19 के प्रभाव की अवधि तथा हृदय संबंधी जटिलताओं को और बढ़ा दिया।