इंसान के शरीर में ट्रांसप्लांट की सूअर की जीएम किडनी

अमेरिकी डॉक्टरों का कारनामा, इससे पूर्व 72 घंटे तक जिंदा रहा ट्रांसप्लांट कराया व्यक्ति

इंसान के शरीर में ट्रांसप्लांट की सूअर की जीएम किडनी

 न्यूयॉर्क। अमेरिका में डॉक्टरों ने एक ऐसा कारनामा किया है, जिसके बाद आने वाले समय में गंभीर बीमारियों से जूझते मरीजों को नई उम्मीद मिली है। अमेरिका के डॉक्टरों ने ऐलान किया है कि उन्होंने एक ऐसे इंसान के शरीर में सुअर की जेनेटिकली मॉडिफाइड (जीएम) किडनी ट्रांसप्लांट की, जो ब्रेन डेड हो चुका है। सूअर की किडनी व्यक्ति के शरीर में एक महीने से ज्यादा समय तक सामान्य रूप से काम करती रही।

ट्रांसप्लांट के एक माह बाद मौत :

न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी लैंगोन ट्रांसप्लांट इंस्टीट्यूट के सर्जनों ने बताया कि किसी मृत व्यक्ति के शरीर में सूअर की किडनी का सबसे लंबे समय तक काम करने का रिकॉर्ड है। इससे पहले सूअर की किडनी ट्रांसप्लांट कराया व्यक्ति 72 घंटे तक जीवित था। यही नहीं, जनवरी 2022 में जिस व्यक्ति के शरीर में सूअर का हार्ट ट्रांसप्लांट हुआ था, उसकी मार्च में मौत हो गई थी।

जारी रहेगा प्रयोग :

इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर रॉबर्ट मोंटगोमरी ने बताया कि उन्होंने सूअर की किडनी को आनुवंशिक रूप से बदला, ताकि एक जीन को हटाया जा सके। यह वह जीन था, तो बायोमोलेक्यूल्स का प्रोडक्शन करता है और जिस पर इंसान का इम्यून सिस्टम हमला करता है और उसे मानने से इनकार कर देता है। उन्होंने बताया कि हमने और अधिक सबूत इकट्ठा किए हैं कि क्या किडनी में हाइपरएक्यूट को अस्वीकार करने वाले जीन को खत्म करना काफी है?' इस प्रत्यारोपण से उनके लिए उम्मीद जागी है, जो अंग प्रत्यारोपण के इंतजार में हैं।