प्रदेश में पहली बार होगी घायल तेंदुए की फीजियोथैरेपी, वेटरनरी विवि ने की तैयारी
जबलपुर। अब मैं कब जंगल लौटूंगा और कब अपने मन का शिकार करूंगा। जंगल में कभी दौड़ाकर- थकाकर अपने भोजन के लिए शिकार करने वाला तेंदुआ केज में परोसे जाने वाले चिकन, मटन को देखकर कुछ ऐसे ही भाव दिखा रहा है। मानो कह रहा हो- आज मैं पैरों से लाचार हूं लेकिन जल्द जंगल लौटूंगा। कुछ दिन पहले मंडला में घायल मिले तेंदुए को इलाज के लिए जबलपुर में वाइल्ड लाइफ सेंटर भेजा गया है। पैरों से लाचार तेंदुए को फिर दौड़ाने के लिए वेटरनरी विवि फीजियोथैरेपी देने की तैयारी कर रही है। प्रदेश में किसी वाइल्ड एनिमल को फीजियो का यह पहला मामला होगा।
20% तक बढ़ेगी घाव भरने की क्षमता:
विवि के स्कूल आॅफ वाइल्ड फारेंसिंक एंड हेल्थ की डायरेक्टर डॉ. शोभा जावरे ने बताया कि घावों को भरने के लिए लेजर थैरेपी के साथ फीजियोथैरेपी दी जाएगी। इससे घाव 20 फीसदी तेजी से भर सकेंगे।
विवि के वाइल्ड लाइफ सेंटर में आने वाले वन्यप्राणियों के बेहतर उपचार के लिए सभी एक्सपर्ट्स लगातार काम कर रहे हैं। हमारे यहां के पशु चिकित्सक तेंदुए की हेल्थ मॉनीटरिंग के साथ उसके बिहेवियर पर भी नजर रख रहे हैं। - डॉ. एसपी तिवारी, कुलपति वीयू