अपर आयुक्त के कंसोल से छेड़छाड़ कर दी पांच होर्डिंग की अनुमति, ईओडब्ल्यू पहुंचा मामला
ग्वालियर। होर्डिंग कारोबार में करोड़ों के बारे न्यारे होने के फेर में नगर निगम के निवर्तमान अपर आयुक्त मुनीष सिकरवार के कंसोल (आईडी) से छेड़छाड़ कर पांच होर्डिंग परमिशन देने का खुलासा हुआ है। जानकारों का कहना है कि मामले को दबाने के लिए आनन-फानन में निगम के जिम्मेदारों ने फर्जीवाड़े से दी अनुमतियां निरस्त कर दी हैं। लेकिन खुद निवर्तमान अपर आयुक्त द्वारा निगमायुक्त व कलेक्टर को लिखे पत्रों के बाद कंसोल के दुरूपयोग छिपाने का मामला ईओडब्ल्यू दफ्तर तक जांच के लिए पहुंच गया है।
निगमायुक्त हर्ष सिंह ने 01 अगस्त को मांग कर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी को नगर निगम में अपर आयुक्त के रूप में पदस्थापना के लिए पत्र लिखा था और कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह से अनुमति होने के बाद 04 अगस्त को अपर आयुक्त के रूप में मुनीष सिंह सिकरवार को जिम्मेदारी देते हुए मदाखलत, राजस्व, पेच रिपेयरिंग, ट्रैफिक सेल, होर्डिंग-फायर शाखा सहित अन्य के लिए जिम्मेदार अधिकारी नियुक्त किया था और उनके कार्यकाल में 02 अक्टूबर को बिना अनुमति विभाग के किसी व्यक्ति ने ओएमडी कर स्वीकृति दी गई। जबकि उस दिन तत्कालीन अपर आयुक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ग्वालियर आगमन के चलते ड्यूटी पर तैनात थे और ड्यूटी के चलते वे निगम मुख्यालय नहीं पहुंचे थे।
मामले को दबाने में लगे हैं निगम अधिकारी
अपर आयुक्त के कंसोल से छेड़छाड़ कर पांच फर्जी परमिशन करने वाले मामले के पत्राचार के बाद उक्त अनुमतियों को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर मामले को दबाने की कोशिश जारी है। हालांकि निवर्तमान अपर आयुक्त ने फर्जीवाड़ा करने वाले की जांच करवाकर दोषी पर एफआईआर करवाने के लिए अपने पत्र में लिखा था, लेकिन निगम ने गड़बड़झाले को पोल खुलने से बचाने के लिए पुलिस को जांच नहीं दी है।
ईओडब्ल्यू कार्यालय भी पहुंच चुका है मामला
जानकारों की मानें तो निगम होर्डिंग्स शाखा के अपर आयुक्त के कंसोल से छेड़छाड़ कर पांच फर्जी परमिशन करने का मामला ईओडब्ल्यू शाखा के पास भी पहुंच चुका है। हालांकि निगम अधिकारी ईओडब्ल्यू से मामले की जांच करवाने के फेर में राजी नहीं है। लेकिन अब ईओडब्ल्यू तक मामले के पहुंचने पर कई अधिकारियों के गले तक फीता डालने की तैयारी हो गई है।
रिजेक्ट हो चुकी थीं पांचों परमिशन
निवर्तमान अपर आयुक्त मुनीष सिकरवार द्वारा 30 अक्टूबर को निगमायुक्त हर्ष सिंह व कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह को भेजे पत्र में स्पष्ट रूप से बताया है कि पीएम ड्यूटी के चलते उनके द्वारा परमिशन देने का प्रश्न ही उत्पन्न नहीं होता है। क्योंकि ये परमिशन पहले पदस्थ नोडल अधिकारी के द्वारा रिजेक्ट की गई थी और ये गलत परमिशन उनकी अनुमति के बिना किसी अन्य के द्वारा कंसोल से छेड़छाड़ कर दी गई है।
मेरे कंसोल से छेड़छाड़ कर पांच रिजेक्ट होर्डिंग्स की परमिशन दी गई थी, जिसकी शिकायत मैंने कलेक्टर व निगमायुक्त ग्वालियर को की थी, मेरे आने के बाद मिली जानकारी में पांचों अनुमतियां निरस्त कर दी हैं। साथ ही कोई कार्रवाई की हो, इसकी मुझे कोई जानकारी नहीं है। मुनीष सिंह सिकरवार,निवर्तमान अपर आयुक्त व एसडीएम डबरा