मिजोरम के लोग आशावादी, इसलिए सबसे खुशहाल राज्य
नई दिल्ली। भारत का हर राज्य खूबसूरत है। इसी में से एक है मिजोरम, जो देश का सबसे खुशहाल राज्य है। गुरुग्राम में मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट (एमडीआई) के प्रोफेसर राजेश पिलानिया की स्टडी के अनुसार मिजोरम देश का सबसे खुशहाल राज्य है। रिपोर्ट के मुताबिक मिजोरम भारत में 100 प्रतिशत साक्षरता हासिल करने वाला दूसरा राज्य है, जो कि युवाओं को सबसे कठिन हालातों में भी बेहतर करने के अवसर मुहैया करता है।
इन मापदंड़ों को बनाया आधार
मिजोरम के हैप्पीनेस इंडेक्स पर बेस्ड रिपोर्ट छह मापदंडों पर आधारित है, जिसमें परिवार के रिश्तों, काम से जुड़े-सामाजिक मुद्दे, धर्म, खुशी पर कोरोना वायरस के प्रभाव और शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर आधारित स्टडी है।
बच्चों ने कहा- टीचर हमारे सबसे अच्छे दोस्त हैं
रिपोर्ट में बताया गया है कि मिजोरम में टीचर नियमित तौर से छात्रों और उनके अभिभावकों से मिलते हैं ताकि उनकी किसी भी समस्या का समाधान किया जा सके। मिजोरम की सामाजिक संरचना भी इसके युवाओं की खुशी में योगदान करती है। एबेन-एजर बोर्डिंग स्कूल की टीचर लालरिनमावी खियांग्ते ने कहा कि यहां की परवरिश है जो युवाओं को खुश करती हैं। साथ ही यहां पढ़ाई के लिए माता-पिता का प्रेसर भी कम है। वहीं एक छात्र ने कहा, हमारे शिक्षक हमारे सबसे अच्छे दोस्त हैं, हम उनके साथ कुछ भी साझा करने से डरते या शर्माते नहीं हैं।
जेंडर की परवाह नहीं : यहां कोई काम छोटा-बड़ा नहीं
रिपोर्ट के अनुसार जेंडर की बगैर परवाह किए मिजो समुदाय का हर बच्चा जल्दी कमाना करना शुरू कर देता है। यहां कोई भी काम छोटा नहीं आंका जाता और युवाओं को आमतौर पर 16-17 साल की उम्र में रोजगार मिल जाता है। उनको प्रोत्साहित किया जाता है और लड़कियों और लड़कों के बीच कोई भेदभाव नहीं होता है।
नहीं छोड़ी पढ़ाई: बच्चा रहता है हमेशा आशावादी
प्रो. पिलानिया के अनुसार राजधानी आइजोल में सरकारी मिजो हाईस्कूल के एक छात्र को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, जब वह छोटा था तब उसके पिता ने अपने परिवार को छोड़ दिया। इसके बाद भी वह आशावादी रहा और पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन करते हुए चार्टर्ड एकाउंटेंट और सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुआ।