चीतलों के समूह, विदेशी पक्षियों की जलक्रीड़ा और मगर देखने डुमना पार्क पहुंच रहे हैं लोग
जबलपुर। डुमना नेचर पार्क अब शहरवासियों के साथ बाहर से आने वाले मेहमानों और पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बन गया है। यहां खंदारी जलाशय के किनारे धूप सेंकते विशालकाय मगर मच्छ, चीतलों के झुंड,जंगली सुअरों की धमाचौकड़ी से लेकर तेंदुआ फेमिली की सरगर्मी और विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की चहचहाहट देखने लोग घंटों प्रतीक्षा करते हैं। बच्चों के लिए टॉय ट्रेन का सफर भी आनंददायक अनुभव बन रहा है।
डुमना नेचर पार्क एशिया के किसी भी नगर निगम में सर्वाधिक वन भूमि वाला क्षेत्र है। हालांकि इसके स्वामित्व को लेकर राज्य सरकार ने दावा किया है मगर विगत 90 सालों से इस भूमि पर नगर निगम की काबिज है। करीब 10 साल पहले यहां पर तत्कालीन निगमायुक्त वेदप्रकाश ने इसे संवारने की कोशिश की थी और बिना इसमें किसी तरह की छेड़छाड़ के इसे पर्यटकों के लिए तैयार करवाया था। यहां बड़ी संख्या में विभिन्न प्रजातियों के सर्प भी देखने मिलते हैं।
आगंतुकों की संख्या में इजाफा
यहां पर लगातार आने वाले आगंतुकों में इजाफा हो रहा है। छुट्टियों के दिन रविवार में करीब एक हजार लोग यहां पहुंचते हैं। सामान्य दिनों में यह संख्या करीब 3 से 4 सौ के करीब होती है। यहां आने पर 20 रुपए का प्रवेश टिकट लेना होता है तथा वाहन स्टैंड में दो पहिया वाहन का 20 रुपए व चारपहिया वाहन का 50 रुपए शुल्क देय है। इसके अलावा यहां के साइकिल ट्रैक का लुत्फ लेने के लिए 50 रुपए घंटे का शुल्क देना होता है।
11 किमी. का साइकिल ट्रैक
तत्कालीन निगमायुक्त श्री प्रकाश ने यहां 11 किमी लंबा साइकिल ट्रैक तैयार करवाया जो कि प्राकृतिक तरीके से ही बना है किसी तरह के कांक्रीट निर्माण यहां नहीं मिलेंगे। यदि आपको धूप सेंकते मगर मच्छ और चीतलों के झुंड देखने हैं तो साइकिल ट्रैक से होकर जाना चाहिए। चीतल प्रवेश द्वार से ही देखने मिल जाते हैं।
डुमना नेचर पार्क का प्राकृतिक वातावरण और वन्य पशुओं का स्वच्छंद विचरण यहां आनेवालों को लुभा रहा है,आगंतुकों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। आदित्य शुक्ला,उद्यान अधिकारी,ननि