विनियमित कर्मियों को स्थायी की तरह वेतन दें- श्रमायुक्त बनोठ
इंदौर। निगम के 1391 विनियमित कर्मचारियों को स्थायी कर्मचारियों की तरह वेतन देने को लेकर लगी याचिका पर सोमवार को श्रमायुक्त कार्यालय में सुनवाई हुई। इसमें आयुक्त श्रीकांत बनोठ ने निगम को आदेशित किया कि वह 15 दिन में वेतन देने को लेकर अपना जवाब पेश करे। निगम द्वारा अनदेखी करने और कोर्ट के आदेश नहीं मानने को लेकर कर्मचारियों ने श्रमायुक्त कार्यालय का घेराव किया था। इंदौर मस्टर कर्मचारी यूनियन के एडवोकेट ओमप्रकाश खटके ने बताया कि निगम कर्मचारियों के हित में निर्णय नहीं ले रहा है। वर्ष-2013 से मस्टर कर्मियों को विनियमित और स्थायी करने को लेकर लड़ाई लड़ रहे हैं। कई बार आंदोलन करने से शासन ने कर्मचारियों को विनियमित किया, लेकिन स्थायी करने को लेकर चुप्पी साध गए हैं। हर बार फंड नहीं होने और शासन के आदेश का इंतजार का हवाला देकर कर्मचारियों के गुस्से को शांत कर दिया जाता है।
2015 में की थी शिकायत
विनियमित कर्मचारियों को स्थायी की तरह वेतन देने यूनियन ने 2015 को श्रमायुक्त को शिकायत की थी। इसके बाद श्रमायुक्त की कोर्ट ने 31 जनवरी, 2023 को वेतनमान देने के आदेश हुए। आदेश में कोर्ट ने यह भी कहा कि कर्मचारियों को 7 दिन का आकस्मिक और 15 दिन का सवैतनिक अवकाश भी दिया जाए।
नहीं होती अपील
सोमवार को जब यूनियन ने श्रमायुक्त कोर्ट में पूर्व के आदेश को लेकर बहस की तो निगम की ओर से उपस्थित उपायुक्त पाराशर ने कहा कि आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका लंबित है। इस पर कर्मचारियों के वकील ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आईटी एक्ट की धारा (8) के अनुसार आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील नहीं की जा सकती।
अवमानना का नोटिस देंगे
दोनों पक्षों को सुनने के बाद श्रमायुक्त कोर्ट ने कहा कि 15 दिन में निगम कर्मचारियों को स्थायी की तरह वेतन भुगतान करें, अन्यथा कोर्ट की अवमानना मानी जाकर प्रकरण दर्ज किया जाएगा। निगम पहुंचा कोर्ट- श्रमायुक्त कोर्ट के आदेश के खिलाफ निगम ने हाईकोर्ट की शरण ली। वहां से अभी तक श्रमायुक्त कोर्ट के आदेश पर स्थगन नहीं मिला। मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई तक नहीं हो पाई है।