छिंदवाड़ा में अडानी के पावर प्लांट का रास्ता साफ, 4.79 रु.यूनिट बिजली लेगी सरकार

छिंदवाड़ा में अडानी के पावर प्लांट का रास्ता साफ, 4.79 रु.यूनिट बिजली लेगी सरकार

भोपाल। आखिरकार 40 साल बाद अडानी थर्मल पॉवर प्लांट की स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने अडानी और राज्य सरकार के बीच बिजली खरीदी के मिनीमम रेट एग्रीमेंट को हरी झंडी दे दी है। छिंदवाड़ा में 1320 मेगावाट के थर्मल पॉवर प्लांट का निर्माण अगले 6 साल में होगा। 1980 में छिंदवाड़ा में थर्मल पॉवर प्लांट बनाने की कवायद शुरू हुई थी। 1988 तक 900 एकड़ जमीन भी खरीद ली थी। बाद में अनुमतियों में देरी से प्लांट पिछड़ गया। कमल नाथ की सरकार बनी, तो फिर प्रयास शुरू हुए। 12 मार्च 2020 को अडानी के साथ एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने पीपीए (पॉवर परचेज एग्रीमेंट) साइन किया। भाजपा सरकार ने प्रोजेक्ट आगे बढ़ाया और मिनीमम रेट कांट्रेक्ट के लिए बिडिंग की गई। सबसे कम रेट 4.79 रुपए प्रति यूनिट अडानी ग्रुप ने ही कोड किए।

900 एकड़ भूमि अधिग्रहित

अडानी थर्मल पॉवर प्लांट लगाने के लिए 1988 में छिंदवाड़ा जिले की चौरई तहसील के अंतर्गत ग्राम चौसरा माचागोरा, हिवरखेड़ी, बाम्हनवाड़ा, माचागोरा, भूतेरा, चौसर, केवलारी, बारहबरिहारी, धनोरा, मडुआ, भूलामोहगांव, पिपरिया आदि गांवों की 900 एकड़ जमीन अधिग्रहित की गई।

किसानों को रोजगार की आस

जिन किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया है, उनको भरोसा दिलाया गया था कि प्लांट शुरू होने पर उनके बच्चों को नौकरी दी जाएगी। अब प्लांट फिर से शुरू होने की खबर से किसान उत्साहित हैं कि उनके इलाके का विकास होने के साथ ही इस प्लांट में उनके बच्चों को काम भी मिलेगा।

अगले छह साल में प्लांट से बिजली आपूर्ति शुरू होगी

प्लांट अगले 6 साल में आपूर्ति शुरू कर देगा। इसीलिए 6 साल बाद बिजली की जरूरत के अनुसार यह करार किया गया है। जब बिजली आपूर्ति शुरू होगी तब 4.79 रुपए यूनिट का पेमेंट किया जाएगा। बिजली सरप्लस नहीं होगी, बल्कि भविष्य की जरूरत के अनुसार समुचित होगी।