मौसम में बदलाव और बारिश के बीच बढ़े सर्दी-खांसी, बुखार और टायफाइड के मरीज
इंदौर। अस्पताल की ओपीडी में सबसे अधिक वायरल बुखार, सर्दी- खांसी, उल्टी, डायरिया और टायफाइड के मरीज आ रहे हैं। मौसम में आए बदलाव के कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने की वजह से सर्दी, जुकाम और बुखार लोगों को चपेट में ले रहा है। इसके अलावा बच्चों में मुख्य रूप से टायफाइड, डायरिया, उल्टी, पेट दर्द के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि एक सप्ताह से ओपीडी में मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसका कारण मौसम में परिवर्तन है। सामान्यत: प्रतिदिन करीब 300 मरीज आते हैं, लेकिन अब अस्पताल में रोजाना 500 से 600 मरीज पहुंच रहे हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. निलेश जैन का कहना है कि दिन में तो मौसम गर्म होता है। सुबह और रात को मौसम बदल जाता है।
ऐसे में पहनावे का ध्यान रखना चाहिए। साथ ही ठंडी चीजों से परहेज रखें। मौसम परिवर्तन के कारण बच्चों को पानी उबालकर या फिल्टर कर पिलाना चाहिए। शरीर में पानी की कमी से डिहाइड्रेशन हो सकता है। छोटे बच्चों के गीले कपड़े समय पर बदलते रहें, जिससे उनको सर्दी, जुकाम व खांसी से बचाया जा सके। मरीजों को सावधानी बरतने की जरूरत-ताजा भोजन, स्वच्छ पेयजल के साथ खाना चाहिए। बाहर के तेल एवं मसालेदार भोजन से परहेज करना चाहिए। बारिश में नलों से आने वाला पानी गंदा रहता है। इसके लिए जरूरी है पानी को उबालकर उपयोग करें।
गांवों और शहर दोनों जगह बढ़ रहे मरीज
एमजीएम मेडिकल कॉलेज के डॉ. अमन यादव ने बताया कि मौसम बदलने के साथ सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में दर्द, सिरदर्द, शरीर में दर्द, तेज बुखार हो रहा है। वायरल बुखार तेजी से फैल रहा है। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों से उल्टी-दस्त और बुखार के मरीज भी बड़ी संख्या में अस्पताल में आ रहे हैं। खानपान और रहन-सहन पर ध्यान दिया जाए तो बीमारियों के प्रकोप से बचा जा सकता है। बुखार से बचने के लिए मच्छरों से बचें और घर और आसपास सफाई रखें, जिससे मच्छर न पनप सके।