देश में पहली बार पैंगोलिन को लगी कॉलर आई-डी, दुनिया में 8 प्रजातियां, देश में दो भारतीय व चायनीज
जबलपुर। टाइगर के बाद देश में पहली बार शेड्यूल-1 केटेगरी का वन्य प्राणी पैंगोलिन को कॉलर आई-डी लगाई गई है। यह कॉलर आईडी मध्य प्रदेश के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व व पेंच टाइगर रिजर्व के पैंगोलिन को पहनाई गई है। कॉलर आई डी के जरिए वाइल्ड लाइफ कर्जवेशन इंडिया के एक्सपर्टस पैंगोलिन के हैबीटेट से संबंधित डाटा को स्टोर कर रहे है।
दो पार्कों में 9 पैंगोलिन पर चल रही स्टडी
सतपुड़ा में दो पैंगोलिन इनमें एक नर व एक मादा व पेंच टाइगर रिजर्व में 7 पैंगोलिन जिनमें एक नर व 6 मादा है। जिन्हें आईडी पहनाई गई है।
स्टडी के लिए क्यों चुना गया मध्य प्रदेश
पीआई जोशी ने बताया कि देश में संस्था ने मध्य प्रदेश को इसलिए चुना है क्योंकि अन्य प्रदेशों की अपेक्षा यहां पर सबसे ज्यादा पैंगोलिन तस्करों को वन विभाग ने पकड़ा। पकड़ने के बाद इनके पुन: स्थापन किया जाता है लिहाजा ये जंगल आगे ग्रोथ कर सकें इसलिए प्रदेश का चयन किया गया है।
क्या है स्टडी का उद्देश्य
प्रोजेक्ट के पीआई आदित्य जोशी ने बताया कि देश में पहली बार स्टडी के लिए पैंगोलिन को कॉलर आईडी पहनाई गई है। इसका मुख्य उद्देश्य है कि जो पैंगोलिन तस्करी के बाद वन विभाग को मिलती है उनके पुन: स्थापन के लिए कौन सा एरिया बेहतर होगा। साथ ही अभी तक इनके हैबीटेट को लेकर कोई भी जानकारी नहीं है। स्टडी पूरी होने पर इनके हैबीटेट की जानकारी भी मिलेगी।
डब्ल्यूसीटी संस्था ने दो पैंगोलिन (एक नर व एक मादा) को कॉलर आईडी लगाई है। स्टडी के एक्सपर्टस लगातार इस पर काम कर रहे हैं। इसके लिए किसी प्रकार का बजट नहीं दिया गया है। संस्था को विभाग ने काम करने की अनुमति दी है। - एल कृष्णमूर्ति, फील्ड डायरेक्टर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व
पेंच टाइगर रिजर्व में 7 पैंगोलिन को कॉलर आईडी पहनाई गई है। यह आईडी स्टडी के उद्देश्य से पहनाई गई है। इनमें एक मेल है और 6 फीमेल पैंगोलिन है। - देवा प्रसाद डे, फील्ड डायरेक्टर पेंच टाइगर रिजर्व