पंडित जी ने कहा था- बेलपत्र खाओ तो दूर हो जाएंगी सारी समस्याएं, सलाह मानकर बीमार हो रहे लोग
कथा वाचकों की सलाह पर बिना सोचे-समझे अमल से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं
भोपाल। कथावाचकों की सलाह पर बिना सोचे-समझे अमल करने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होने लगी हैं। ऐसे मामले काउंसलरों के पास पहुंच रहे हैं। उनके अनुसार, मालवांचल के एक कथावाचक ने कथा के दौरान सलाह दी थी कि शिवलिंग पर बेल पत्र चढ़ाने के बाद इसे खाने से आत्मविश्वास बढ़ता है और हर प्रकार की समस्या का समाधान होता है। भोपाल के छोला इलाके की एक महिला ने इस पर अमल किया। कुछ दिन बाद उसके गले में तकलीफ और पेट में दर्द रहने लगा। परिजन ने डॉक्टर को दिखाया तो उन्होंने बेलपत्र न खाने की सलाह दी, लेकिन महिला नहीं मानी। उल्टे उसने कहा कि डॉक्टर को कोई ज्ञान नहीं है। शिक्षक पति के समझाने का भी असर नहीं हुआ। अंत में पति उसे एक काउंसलर के पास ले गए, जहां उसकी काउंसलिंग चल रही है।
स्किन पर उभर आए दाने :
गौतम नगर में किराए से रहने वाले 19 साल के एक स्टूडेंट्स के शरीर पर दाने और खुजली की समस्या शुरू हुई। डॉक्टर ने उससे पूछताछ की तो उसने बताया कि एक कथावाचक ने बेलपत्र के फायदे गिनाए थे। उसने बेलपत्र खाना शुरू कर दिया। डॉक्टर ने बताया कि बेलपत्र के कारण हुई एलर्जी से यह समस्या हो रही है।
अत्यधिक सेवन से हो सकती है परेशानी :
डॉ. उमेश शुक्ला (प्राचार्य शंकर दयाल शर्मा आयुर्वेदिक, चिकित्सा महाविद्यालय, भोपाल) ने कहा कि आयुर्वेद में विल्व पत्र का बहुत महत्व है। इसके फल पेट से जुड़ी बीमारियों में कारगर होते हैं, वहीं इसकी जड़े भी बहुत फायदेमंद है। लेकिन पत्तों को लेकर साइंटिफिक एविडेंस को देखना पड़ेगा।
मेरे पास ऐसे कुछ केस आए हैं, जिनमें बेलपत्र के अत्यधिक सेवन से टेस्ट बड्स जल गए और गले में इंफेक्शन की समस्या हो गई। परिवार में विवाद तक हो गया,लेकिन पेशेंट मानने को तैयार नहीं हैं। व्यक्ति जब खुद को हेल्पलेस महसूस करता है, तो वह तरह-तरह के अंधविश्वास में फंस जाता है। - दीप्ति सिंघल, काउंसलर