शेर पर सवा शेर शिवराज और कैलाश की जोड़ी !

शेर पर सवा शेर शिवराज और कैलाश की जोड़ी !

इंदौर। मप्र विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आश्चर्यजनक रूप से जीत दर्ज करते हुए 230 में से 163 सीटों पर कब्जा जमा लिया। कुछ लोग इसे प्रधानमंत्री मोदी का जलवा बता रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसे कांग्रेस के खराब मैनेजमेंट का नतीजा बता रहे हैं, पर इन सबसे इतर एक तथ्य और भी है, जो 2 महीने पहले हाशिए पर पड़ी भाजपा को प्रचंड बहुमत तक ले गया। इस अभूतपूर्व सफलता का श्रेय प्रदेश के दो दिग्गज नेताओं को भी जाता है- मुख्यमंत्री चौहान और भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय। प्रदेश में पार्टी द्वारा लगातार दरकिनार किए जाने के बाद भी मुख्यमंत्री चौहान मैदान में डटे रहे। पार्टी के इस रुख को उन्होंने चुनौती के रूप में लिया और चुनाव के अंतिम पड़ाव पर आते-आते भाजपा आलाकमान को भी यह समझने पर मजबूर कर दिया कि 'मामा' के बगैर मध्यप्रदेश में भाजपा की नैय्या को पार लगाना नामुमकिन है। चौहान ने सारे ज्ञान गणित को गलत साबित करते हुए 20 साल बाद भी जनता को सत्ता के पक्ष में बनाए रखा और भाजपा को प्रचंड बहुमत तक पहुंचाया। चुनावों में एक्स फैक्टर रही सरकार की चाबी मानी जाने वाली लाड़ली बहना योजना भी चौहान की ही योजना है। शिवराज सिंह ने पूरे प्रदेश में घूम-घूमकर रिकॉर्ड 165 जनसभाओं को संबोधित किया, जिन में से 160 सीटें भाजपा ने जीती, यानि भाजपा की 163 सीटों में से 160 सीटें ऐसी हैं, जहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने प्रचार किया।

ग्वालियर-चंबल में शानदार प्रदर्शन से सिंधिया का बढ़ा कद

चंबल संभाग में भाजपा के शानदार प्रदर्शन से सिंधिया खेमा भी खासा उत्साहित है। पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने यहां भाजपा का सूपड़ा साफ कर दिया था, लेकिन सिंधिया के भाजपा में शामिल होने से परिस्थितियां बदल गई थीं। 2023 के विधानसभा चुनावों को सिंधिया के लिए अग्निपरीक्षा माना जा रहा था और माना जा रहा था कि ग्वालियर-चंबल संभाग ही यह तय करेगा कि भाजपा में सिंधिया का भविष्य क्या होगा। कांग्रेस समेत कई एक्जिट पोल भी चंबल में कांग्रेस को बढ़त दिखा रहे थे, लेकिन रविवार को आए नतीजों ने यह साबित कर दिया है कि आज भी ग्वालियर-चंबल संभाग में सिंधिया एक बाड़ा चेहरा है और सिंधिया भाजपा में अच्छी स्थिति में रहेंगे। प्रदेश में सिंधिया समर्थित कई मंत्रियों की हार जरूर हुई है, लेकिन सिंधिया समर्थक कई विधायकों के जीतने से भाजपा अच्छी स्थिति में पहुंच चुकी है।