मांगों को लेकर सड़क पर उतरीं पीओ, सुपरवाइजर-सहायिका
जबलपुर। जबलपुर सहित प्रदेशभर में 9 सूत्रीय मांगों को लेकर 15 मार्च से अनिश्चिकालीन हड़ताल पर महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी, सुपरवाइजर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं ने अपनी अनदेखी को लेकर सोमवार को विरोध प्रदर्शन करते हुए सामूहिक रैली निकाली। रैली मालवीय चौक, तीन पत्ती चौक, नौदराब्रिज, तैय्यब अली चौक, घंटाघर होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंची। हमारी मांगे पूरी करो, हम सब एक हैं जैसे नारों के साथ हजारों की संख्या में निकली महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं में जमकर आक्रोश देखने को मिला।
लाल परिधान में हजारों की संख्या में निकली स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम सौंपे ज्ञापन में कहा है सबसे ज्यादा काम मैदानी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से कराया जा रहा है जबकि वेतन सबसे कम है। देश के अन्य प्रदेशों में अधिकारी-कर्मचारियों को उनसे ज्यादा वेतन दिया जा रहा है। संघ के वीकेश राय ने बताया हमारी मांगे पिछले 30 साल से लंबित है लगातार सरकार का ध्यान ज्ञापन और पत्रों के माध्यम से कराते आ रहे हैं लेकिन आज तक इन पर कोई भी ध्यान नहीं दिया गया है।
सीडीपीओ संघ के पदाधिकारियो ने बताया कि प्रदेश में विभागीय कर्मचारियों का वेतन अन्य प्रदेशों की अपेक्षा कम है बावजूद कर्मचारी अपनी परफार्मेंस बेहतर दे रहे हैं। इसके चलते देश में सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में मध्य प्रदेश की स्थिति अन्य प्रदेशों की अपेक्षा अच्छी है। लेकिन इसके लिए मेहनत करने वाले कर्मियों की मांगों की अनदेखी की जा रही है जो अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
लटके हैं आंगनबाडियों में ताले, नहीं हो रहे काम
लगातार चल रही हड़ताल के चलते सरकार की कई योजनाओं के क्रियान्वयन पूरी तरह से ठप पड़ गया है। स्थिति ये है कि जिले की आंगनबाडियों में ताले लटके हुए है और जो आंगनबाडियां खुली है उनमें कार्यकर्ता ही नहीं है। ऐसे में सरकार की योजनाओं के हितग्राहियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।